जन्माष्टमी 2025: कब मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व
punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 04:09 PM (IST)

नारी डेस्क: हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इस दिन को पूरे भारत में बड़े ही श्रद्धा और भक्ति के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह पर्व और भी विशेष होगा क्योंकि इस बार श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
इस साल कब है जन्माष्टमी?
साल 2025 में अष्टमी तिथि का आरंभ 15 अगस्त (शुक्रवार) रात 11:49 बजे होगा और इसका समापन 16 अगस्त (शनिवार) रात 9:34 बजे होगा। चूंकि चंद्रमा का उदय 16 अगस्त की रात को होगा और यही भगवान कृष्ण के जन्म का समय माना जाता है, इसलिए जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी।
चंद्रोदय और रोहिणी नक्षत्र का समय
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और चंद्रमा उनके स्वामी माने जाते हैं। 2025 में चंद्रोदय 16 अगस्त की रात 10:46 बजे होगा।
रोहिणी नक्षत्र की अवधि होगी 17 अगस्त को सुबह 4:38 से रात 3:17 बजे तक।
जन्माष्टमी 2025 के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त (स्नान और व्रत संकल्प के लिए) – 16 अगस्त को सुबह 4:24 से 5:07 तक।
गोधूलि मुहूर्त (संध्या पूजन और आरती के लिए) – शाम 7:00 से 7:22 तक।
विजय मुहूर्त (विशेष दान, संकल्प, अनुष्ठान के लिए) – दोपहर 2:37 से 3:30 तक।
मध्य रात्रि पूजन मुहूर्त (कृष्ण जन्म का वास्तविक समय) – रात 12:04 से 12:47 तक।
इसी समय लड्डू गोपाल का जलाभिषेक, पंचामृत स्नान और शृंगार करना सबसे शुभ माना जाता है।
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जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व
जन्माष्टमी केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण का उत्सव है। यह दिन हमें धर्म, न्याय और प्रेम की सीख देता है। श्रीकृष्ण ने अपने जीवन से दिखाया कि कैसे प्रेम और बुद्धिमानी से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
व्रत का ज्योतिषीय लाभ
जन्माष्टमी व्रत करने से चंद्रमा संबंधित दोषों का निवारण होता है। इससे मन शांत रहता है, तनाव कम होता है और मानसिक मजबूती मिलती है। जिन दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति में परेशानी हो रही है, उनके लिए भी यह व्रत अत्यंत फलदायक होता है।
सुख-समृद्धि और पारिवारिक जीवन में सुधार
भगवान श्रीकृष्ण को धन, प्रेम और संबंधों का देवता माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजन करने से आर्थिक स्थिति सुधरती है, घर में शांति और समृद्धि आती है, और वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ती है।
कैसे मनाएं पर्व?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। दिनभर उपवास रखें और श्रीकृष्ण के भजन-कीर्तन करें। रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं, पंचामृत स्नान कराएं, वस्त्र पहनाएं और झूला झुलाएं। प्रसाद में माखन, मिश्री, फल, पंचामृत और तुलसी जरूर रखें।
जन्माष्टमी 2025, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का एक खास अवसर है। 16 अगस्त की रात को शुभ मुहूर्त में पूजन और उपवास करके हम उनके आशीर्वाद के पात्र बन सकते हैं। यह पर्व न केवल अध्यात्मिक रूप से, बल्कि मानसिक और पारिवारिक रूप से भी बहुत फलदायक होता है।