जालंधर की बेटी एवरेस्ट पर फहराना चाहती है तिरंगा, 28 दिन में पांच पहाड़ चढ़ कर चुकी है कमाल

punjabkesari.in Wednesday, Mar 30, 2022 - 11:19 AM (IST)

जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिज़ूल है कद आसमान का। यह बात साबित की है जालंधर की प्रिया आंबेडकर ने।  28 दिन में पांच पहाड़ फतह कर अपने परिवार का नाम रोशन करने वाली प्रिया का सपना अब माउंट एवरेस्ट को फतेह करना है। इस सपने को पूरा करने के लिए जालंधर की यह बेटी दिन रात मेहनत कर रही है।


परिवार से बगावत कर अपनी मंजिल पर पहुंचने वाले प्रिया का मानना है कि दूसरों पर तालियां बजाने से अच्छा है कि आप ऐसा कुछ कर दिखाएं कि लोग आप पर  तालियां बजाएं। इस सोच के दम पर वह ऊंची छलांग लगाने में कामयाब हो पाई।  प्रिया ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बताया कि जिस तरह लोग प्री वैडिंग बनाते हैं इसी तरह वह प्री एवरेस्ट मनाना चाहती हैं। 

पर्वत चोटी पर चढ़ना आसान नहीं: प्रिया

जालंधर की बेटी ने बताया कि  माउंट एवरेस्ट की  उंचाई 22000 फुट है अगर वह 11000 फुट को भी पार करने में  कामयाब होती है वह उसके लिए बहुत बड़ी बात होगी।  इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पर्वत चोटी पर चढ़ना आसान नहीं है, जिस बैग को साथ ले जाया जाता है उसमें कम से कम 18 किलो भार होता है। प्रिया ने बताया कि इस दौरान भले ही आपके पैर आपका साथ दे दें लेकिन कंधे जवाब दे देते हैं।

प्रिया के टैलेंट की बात करें तो वह अब तक 8000 फुट टाइगर हिल्स (दो बार), 12000 फुट संदक्फू चोटी, 10000 फुट अशोका हिल्स, 13320 फुट जंगरी हिल्स, 14000 फीट एचएमआइ बेस कैंप और 14660 राथोंग ग्लेशियर पर  फतेह कर चुकी है। उन्हेंं हिमालय माउंटेनिंग इंस्टीट्यूट दार्जिलिंग ने गोल्ड मेडल से भी नवाजा  जा चुका है। अब वह आने वाले समय में माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने चाहती हैं। 

परिवार की जगह एवरेस्ट की चढ़ाई को चुना


प्रिया ने  गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी कैंपस जालंधर से एमए पालिटिक्ल साइंस की पढ़ाई है। एनसीसी में उन्हेंं पहाड़ चढऩे की शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट रहने की ट्रेनिंग भी दी गई। प्रिया ने बताया कि वह फिट रहने के लिए वह तीन घंटे रोज प्रैक्टिस करती है। हालांकि इस दौरान उन्हे कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। उनके परिवार ने उन्हे साफ कह दिया था कि या तो एवरेस्ट की चढ़ाई चुन लो या हमें। वहां प्रिया ने एवरेस्ट की चढ़ाई को चुना। 


प्रिया बताती हैं कि अब जब भी उन्हे सम्मान मिलता है तो उनके माता- पिता बहुत खुश हाेते हैं, अपनी बेटी की उपलब्धि पर उन्हे गर्व है। प्रिया अब  आसपास के बच्चों को निशुल्क पढ़ाती है। उन्होंने कहा कि लड़की जब अपने शरीर से एक मर्द को पैदा कर सकती है तो वह कुछ भी कर सकती है, उसके लिए कोई भी चीज असंभव नहीं। 

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vasudha