इत्र लगाने से शरीर ही नहीं भाग्य भी होता है मजबूत, जानिए कैसे बढ़ती है खुशबू से किस्मत

punjabkesari.in Friday, Oct 31, 2025 - 04:46 PM (IST)

नारी डेस्क : इत्र सिर्फ खुशबू फैलाने का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारे शरीर, मन और भाग्य पर भी गहरा असर डालता है। प्राचीन काल से ही इत्र का उपयोग केवल सौंदर्य या ताजगी के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और ऊर्जात्मक संतुलन के लिए भी किया जाता रहा है। आयुर्वेद और वास्तु शास्त्र में इत्र को सकारात्मक ऊर्जा का वाहक माना गया है। चलिए जानते हैं कि इत्र लगाने से कैसे न सिर्फ शरीर तरोताजा रहता है बल्कि किस्मत भी चमकती है।

इत्र का आध्यात्मिक महत्व

भारत की प्राचीन परंपरा में इत्र को "सुगंध शक्ति" कहा गया है। माना जाता है कि सुगंध हमारे मन और विचारों पर सीधा असर डालती है। जब हम इत्र लगाते हैं, तो यह न केवल हमारी बाहरी छवि को निखारता है बल्कि हमारे चारों ओर एक सकारात्मक ऑरा भी बनाता है। इस ऑरा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सौभाग्य बढ़ता है।

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किस्मत से जुड़ा है सुगंध का सीधा रिश्ता

वास्तु शास्त्र के अनुसार, सुगंध का संबंध ग्रहों और ऊर्जाओं से होता है।

चंदन की खुशबू: शांति, आत्मबल और सौभाग्य को बढ़ाती है।

केवड़ा और गुलाब का इत्र: प्रेम, आकर्षण और सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाता है।

मिट्टी की सुगंध (इत्र-ए-खस): धरती तत्व को संतुलित कर आर्थिक स्थिरता लाती है।

जैस्मिन या चमेली: मन की उलझनों को दूर कर आत्मविश्वास बढ़ाती है।

अगर किसी व्यक्ति का भाग्य कमजोर चल रहा हो या लगातार बाधाएं आ रही हों, तो रोजाना शुभ मुहूर्त में इत्र लगाना शुभ माना जाता है।

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स्वास्थ्य पर इत्र के फायदे

सुगंध सिर्फ मन को नहीं बल्कि शरीर को भी फायदा पहुंचाती है।
यह तनाव, थकान और सिरदर्द को कम करती है।
सुगंधित तेलों में मौजूद प्राकृतिक तत्व हार्मोनल बैलेंस बनाए रखते हैं।
इत्र लगाने से मूड बेहतर होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।

धार्मिक दृष्टि से इत्र का महत्व

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, यज्ञ और ध्यान में इत्र का प्रयोग शुभ माना गया है। माना जाता है कि भगवान को चंदन और गुलाब की खुशबू अत्यंत प्रिय है। जब व्यक्ति पूजा के समय इत्र लगाता है, तो उसकी प्रार्थना अधिक प्रभावी मानी जाती है और देवी-देवताओं की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

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सही तरीके से लगाएं इत्र ताकि असर बढ़े

नहाने के बाद साफ शरीर पर इत्र लगाएं।
गर्दन, कलाई और कानों के पीछे लगाना सबसे प्रभावी होता है।
हमेशा प्राकृतिक या अत्तर आधारित इत्र का उपयोग करें।
ध्यान या पूजा के समय हल्की सुगंध वाला इत्र लगाना शुभ माना जाता है।

इत्र लगाना सिर्फ एक सौंदर्य आदत नहीं है, बल्कि यह हमारी ऊर्जा, आत्मविश्वास और भाग्य को सकारात्मक दिशा में ले जाता है। सही सुगंध का चुनाव और उचित तरीके से उपयोग करने पर न सिर्फ आपका व्यक्तित्व निखरता है बल्कि जीवन में खुशहाली और सफलता भी बढ़ती है।


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Content Editor

Monika

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