साड़ी-बिंदी-गजरा पहन छाई ISRO की महिला Scientists, तारीफ में लोग बोले - 'ये है असली नारी...'

punjabkesari.in Thursday, Aug 24, 2023 - 03:33 PM (IST)

कल भारत के लिए बेहद अहम दिन था। जब चंद्रयान -3 चंद्रमा की सतह के करीब पहुंचा  तब समूचे देश ने अपनी सांस रोक ली थी और जैसे ही भारत ने चंद्रमा के सतह को सफलतापूर्वक स्पर्श कर लेने वाला चौथा देश बनकर इतिहास रचा, लोग खुशी के मारे उछल पड़े। हर तरफ बस जय हो की गूंज सुनाई दे रही थी। इसी बीच महिला वैज्ञानिकों की कुछ तस्वीरें सामने आई जिसमें वह जश्न मनाती दिखाई दी। उनकी सादगी ने लोगों का दिल जीत लिया। पारंपरिक भारतीय लिबास साड़ी में उन्हें  देखकर लोग तारीफें करते नहीं थक रहे हैं।

जमकर की लोगों ने तारीफ

ट्विटर पर तस्वीरें शेयर करते लोग अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं। इन तस्वीरों को रीशेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा कि - 'उन सब लोगों के मुंह पर यह एक तमाचा है जो कहते हैं कि साड़ी गरीब औरतें पहनती हैं। इसरो की वैज्ञानिकों पर गर्व है। '

अन्य ने कहा कि - 'जहां साड़ी होती है वहां खूबसूरती है। इसरो की वैज्ञानिक महिलाओं ने संस्कृति परंपरा और मूल्यों के साड़ी पहनी है। नारी शक्ति।' 

एक यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि - 'अगली बार जब भी कोई साड़ी को कोई बेकार पोषाक बताए तो आप लोग उसके मुंह पर यह तस्वीर फेंक कर मारना।' 

एक ने कहा कि - 'इसरो की सारी वैज्ञानिक महिलाएं साड़ी, बिंदी और गजरे में हैं'। 

अन्य ने कहा कि - 'साड़ी स्वैग।' 

एक ने लिखा कि - 'इसरो की महिला वैज्ञानिक साड़ी में भी तरक्की कर रही हैं।' 

अन्य ने कहा कि - 'साड़ी और गजरा ऐसी परंपरा है जिसे हम लोग गर्व के साथ दिखाते हैं मेरे स्कूल के शिक्षक हमेशा उन्हें सजाते थे। इसरो में भी महिला वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने इसी प्रथा को दोहराया कभी भी किसी किताब को कवर से और लोगों को उनके पहनावे से जज न करें। विनम्र लोग गर्व का क्षण।'

जीत का प्रतीक है साड़ी 

परंपरा को दर्शाती साड़ी शुरु से ही ड्रेस से भी कहीं ज्यादा माना जाती है। यह जीत, सशक्तिकरण और प्रगति का प्रतीक मानी जाती है। ऐसे में इसरो की महिला वैज्ञानिकों से साड़ी, गजरा बिंदी के साथ पूरे देश के लोगों का दिल जीत लिया है। 


 

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palak