क्या आपका बच्चा भी है दब्बू और शर्मीला ?

punjabkesari.in Thursday, Jul 20, 2017 - 12:09 PM (IST)

बचपन में कई बच्चों को दूसरों से बात करने में काफी झिझक आती है। स्कूल में भी किसी फंक्शन में पार्टीसिपेट करने या टीचर से बात करने में संकोच करते हैं। शुरूआत में तो बच्चों की इन आदतों पर ध्यान नहीं दिया जाता लेकिन आगे चलकर ऐसे बच्चे दब्बू और शर्मीले स्वभाव के बन जाते हैं। अगर आपके बच्चे को भी ये आदते हैं तो अभी से उनका व्यवहार बदलने की कोशिश करें।

बाहरी दुनिया दिखाएं
कई बार बच्चों में ऐसी आदतें पेरेंट्स की वजह से ही पड़ती हैं। कई मां बाप अपने बच्चों को डांट फटकार कर रखते हैं जिस वजह से उनका स्वभाव दब्बू बन जाता है। ऐसे में बच्चों को बाहर की दुनिया दिखाएं। उन्हें अपने रिश्तेदारों और पड़ोस के बच्चों के साथ खेलने के लिए भेजें।
सवालों को दें जवाब
काम काज वाले पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय नहीं बिता पाते जिस वजह से जब बच्चे अपने मन में चलते सवालों के बारे में पूछते हैं तोे मां बाप उनका जवाब नहीं देते और बाहर खेलने के लिए कह देते हैं। ऐसे में बच्चों के मन में उलझन बनी रहती है और वे आत्मविश्वासी नहीं बन पाते। बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके हर सवाल का जवाब देना बहुत जरूरी है।
प्रतिभा को जानें
बच्चों को पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा दिलाएं। उनके शौंक को पहचानें और उसी तरफ आगे बढ़ने में प्रोत्साहित करें। इससे बच्चा स्कूल के अलावा भी बाहर निकलेगा और उसकी झिझक कम होगी।
अकेला न छोड़ें
बच्चों को जब हर काम के लिए टोका जाता है तो वह अकेला रहना ही पसंद करता है और अपने दोस्तों से खेलना बंद कर देता है। अगर आपका बच्चा भी अकेला रहता है तो उसे परिवार के बीच बैठना सिखाएं और कभी अकेला न छोड़ें।

 

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