कोरोना काल में IVF कितना सुरक्षित? क्या ट्रीटमेंट ले रही महिला लगवा सकती हैं Vaccine

punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 05:52 PM (IST)

जैसे कि आप जानते हैं कोरोना काल चल रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा दुविधा उन लोगों को हो रही हैं जो पेरेंट्स बनने के लिए आईवीएफ क्लीनिक के चक्कर काट रहे हैं। कोरोना काल के चलते महिलाओं के मन में यही सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस समय IVF ट्रीटमेंट लेना सुरक्षित है या नहीं। कोरोना काल में IVF ट्रीटमेंट लेना कितना सुरक्षित है?, किन बातों का ध्यान रखना है? ट्रीटमेंट के बीच वैक्सीन ले सकते हैं या नहीं...

इस बारे में स्पष्ट जानकारी देते हुए मुंबई, सारोगी हॉस्पिटल (Saraogi Hospital) की इनफर्टिलिटी स्पेशलिटी गाइनकॉलजिस्ट डॉ. रुपा प्रसाद ने पंजाब केसरी के माध्यम से खास बातचीत की।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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कोरोना काल में IVF कितना सुरक्षित?

डॉ. रुपा प्रसाद के मुताबिक, कोरोना काल में आईवीएफ करवाना सुरक्षित हैं लेकिन जब तक आपने वैक्सीन लिया हो। वैक्सीन लेने के कम से कम 1 महीने बाद आप IVF ट्रीटमेंट ले सकती हैं। वहीं, अगर किसी महिला ने एग फ्रीज करवा दिए हैं तो वो भी वैक्सीन लेने के बाद भी उन्हें ओवरी में ट्रांसफर करवाएं।

क्या ट्रीटमेंट के बीच वैक्सीन लेना सेफ है?

अगर एग फ्रीज करवाने के बाद महिला वैक्सीन लेती हैं तो उससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होगी। वैक्सीन लेने के बाद 1 महीने तक रेस्ट करें और भी एग ट्रांसवर करवाएं। लेकिन अगर आईवीएफ का पूरा ट्रीटमेंट हो चुका है और फर्टीलाइज्ड एग ओवरी में डाल दिए गए हैं या प्रेगनेंट होने वाली हैं तो वैक्सीन ना लगवाएं।

IVF करवाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी?

- IVF ट्रीटमेंट का एक साइकल है, जिसके लिए महिला को कई बार क्लीनिक आना पड़ता है। ऐसे में महिला को मास्क पहनना, हैंड सैनेटाइज करना, सोशल डिस्टेसिंग जैसे नियमों का पालन करें। इसके साथ ही मल्टीविटामिन्स की गोली लेती रहीं।
- अगर घर में से भी कोई सदस्य बाहर जा रहा है तो आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने वाली महिलाएं मास्क पहनकर रखें। साथ ही कंपलीट बैड रेस्ट करें।
- 4-5 लीटर गुनगुना पानी पीएं। इसके साथ ही दाल का पानी, जूस, स्मूदी आदि पीते रहें।

IVF करवाने के बाद महिला हो जाए Corona Positive तो कोई जोखिम

-अगर किसी प्रेग्नेंट या आईवीएफ ट्रीटमेंट लेनी वाली महिला में कोरोना के लक्षण ज्यादा खतरनाक नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में महिला को घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसी महिलाएं डॉक्टर की सलाह से एस्पिरिन ले सकती हैं। इसके साथ ही महिलाएं हाइड्रेट रहें। इसके लिए पानी पीती रहें और दाल पानी पीती रहें।

-इसके साथ ही ऑक्सीमीटर से अपना टेम्प्रेचर चेक करती रहीं। अगर सेचुरेशन रेट गिरने लगे, पेट दर्द, बुखार, बच्चे के मूवमेंट समझ ना आ रहे हो तो डॉक्टर से चेकअप करवा लें।

कोरोना से भ्रूण पर कोई साइइड इफेक्ट

अगर प्रेग्नेंट महिला को कोरोना हो जाए तो उससे भ्रूण पर कोई असर नहीं होता, फिर चाहे महिला ने नेचुरल कंसीव किया हो या IVF व IUI से। मगर, शिशु के जन्म के बाद महिला को कोरोना हो तो वो सावधानी बरतें।

क्या मां के दूध से हो सकता है नवजात को कोरोना?

उनका कहना है कि टीका लगवाने के बाद भी महिलाएं बेफ्रिक होकर शिशु को स्तनपान करवा सकती हैं। स्तनपान नहीं रोकना चाहिए। गाइडलाइंस में साफ कर दिया गया है कि वैक्सीन से महिला के शिशु पर किसी भी तरह का दुष्प्रभाव नहीं होगा।

कैसे होनी चाहिए डाइट?

1. 2-2 घंटे में थोड़ा-थोड़ा खाती रहें और हाई प्रोटीन दाल लेती रहीं।
2. ऊपर की मीठी चीजें व  शुगर का कम से कम सेवन करें।
3. अगर आप वेजिटेरियन है तो मूंग दाल, स्प्राउट्स, फल, दालें , सब्जियां ज्यादा खाएं।
4. नॉन-वेजिटेरियन है तो 2 एक व्हाइट, चिकन , मछली का सेवन करें। ध्यान रखएं कि नॉनवेज कम तेल में ही पकाएं।
5. इसके साथ ही रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।

Content Writer

Anjali Rajput