सिर्फ मुर्गी ही नहीं इन जानवरों में भी हो सकता है Bird Flu, क्या हमें चिकन या अंडे खाने से बचाना चाहिए?

punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 12:20 PM (IST)

नारी डेस्क: बर्ड फ्लू अब धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है। बिहार के जहानाबाद जिले में  उस समय लो दहशत में आ गए जब अचानक से कई सारे कौवे मृत पाए गए। चिकित्सा जांच से पुष्टि हुई है कि हाल ही में कुछ कौओं की मौत एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण हुई है। बर्ड फ्लू (Avian Influenza) एक संक्रामक वायरस है, जो पक्षियों में तेजी से फैलता है और कभी-कभी इंसानों में भी संक्रमण का कारण बन सकता है। ऐसे में, चिकन और अंडे खाने को लेकर काफी डर रहता है। आइए जानते है क्या बर्ड फ्लू के दौरान चिकन या अंडे खाना सुरक्षित है या नहीं।

 

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क्या कहता है WHO

 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार,अगर चिकन और अंडों को 70°C से अधिक तापमान पर अच्छी तरह पकाया जाए, तो वायरस नष्ट हो जाता है। कच्चे या अधपके चिकन और अधपके अंडे (जैसे हाफ फ्राई, सॉफ्ट बॉइल्ड) खाने से बचें।बर्ड फ्लू सिर्फ मुर्गियों तक ही सीमित नहीं है। यह अन्य पक्षियों और कुछ जानवरों में भी फैल सकता है, जैसे-  जंगली और प्रवासी पक्षी, बत्तख और टर्की  
तोते, कबूतर और अन्य पक्षी  कुछ मामलों में यह स्तनधारियों (बिल्लियों, कुत्तों) में भी पाया गया है।  

 

सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?

-अच्छी तरह पका हुआ चिकन और अंडे ही खाएं।  
-चिकन और अंडों को छूने के बाद हाथ साबुन से धोएं।
-अंडे को अच्छे से उबालकर खाएं, कच्चे अंडे से परहेज करें।
-कच्चे मांस और पके हुए खाने को अलग रखें।
-संक्रमित क्षेत्रों में जीवित पक्षियों के संपर्क में आने से बचें।

 

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क्या न करें?

- कच्चा या अधपका चिकन/अंडा न खाएं।  
- बीमार या मरे हुए पक्षियों के संपर्क में न आएं।  
- चिकन काटने के बाद हाथ धोना न भूलें।  
 

बर्ड फ्लू को लेकर कितनी चिंता जरूरी है? 

बर्ड फ्लू (Avian Influenza) मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है। कभी-कभी यह इंसानों में भी फैल सकता है, जिससे चिंता बढ़ जाती है। आमतौर पर यह इंसानों में आसानी से नहीं फैलता,  यदि इंसान इससे संक्रमित हो जाता है, तो यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।  यदि आप पोल्ट्री फार्म्स या पक्षियों के संपर्क में नहीं आते, तो जोखिम बहुत कम है। बर्ड फ्लू को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूर रखनी चाहिए। अगर आप बेसिक हाइजीन और सुरक्षा नियमों का पालन करते हैं, तो संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।


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vasudha

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