व्हीलचेयर पर इरफान की हालत देख फैंस हुए हैरान, चाहने वालों ने की सलामती की दुआ

punjabkesari.in Saturday, Sep 14, 2019 - 04:59 PM (IST)

बॉलीवुड एक्टर इरफान खान जो पिछले काफी दिनों से अपनी अगली फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' की शूटिंग लदंन में कर रहे थे, उन्हें हाल ही में मुंबई एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया। लेकिन उनकी हालत देख फैंस काफी चिंतित है दरअसल वह एयरपोर्ट पर चेहरा ढके हुए वीलचेयर पर बैठे दिखाई दिए। इरफान को इस हालत में देखकर उनके चाहने वालों एक बार फिर उनकी तबीयत की चिंता हो रही है।

 

आपको बता दें कि इरफान खान पिछले साल एक रेयर कैंसर से पीड़ित हो गए थे जिसके इलाज के लिए वह लंदन गए थे। साल भर लंदन में इलाज कराने के बाद इरफान वापस भारत लौटे थे। अब इरफान की इस स्थिति में देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि अभी तक उनकी बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाई है और इरफान अभी भी उससे उभरने की कोशिश कर रहे हैं। इस तस्वीर को देखने के बाद फैंस उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। लेकिन आज इस पैकेज में हम आपको बताते हैं कि आखिर इरफान किस बीमारी की चपेट में आए थे और इसके लक्षण और बचाव क्या है...

इरफान खान, न्यूरो एंड्रोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी के शिकार हुए थे।  उन्होंने ट्वीटर पर कहा था कि न्यूरो का मतलब सिर्फ दिमागी नसों से नहीं है। न्यूरोक्राइन सेल्स पूरे शरीर में पाए जाते हैं, जैसे- फेफड़ों में, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट आदि में। बता दें कि यह कैंसर दिमाग में ही नहीं बल्कि फेफड़े, पेट में पैंक्रियाज और आंतों में भी हो सकता है।

 

चलिए आपको बताते हैं कि न्यूरो एंड्रोक्राइन ट्यूमर क्या है

हार्मोन पैदा करने वाली एंड्रोक्राइन और नर्व कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि से न्यूरो एंड्रोक्राइन ट्यूमर होता है जो अक्सर पेट व आंत में पाया जाता है। इस लो ग्रेड ट्यूमर को डॉक्टर आम बोलचाल में शरीफ ट्यूमर भी कह देते हैं, मगर, आंत से यह लिवर में फैल जाता है।

अब जानिए इसके लक्षण 
-पेट, आंत, पैंक्रियाज में ट्यूमर होने पर डायरिया, पेट में दर्द, उल्टी, ज्यादा पसीना आना 
-फेफड़े में ट्यूमर, खांसी रहना, बुखार, ब्लड प्रेशर बढ़ना, घबराहट और बेचैनी 
-वहीं एपेंडिक्स सहित कई अन्य अंगों में ट्यूमर होने पर कोई लक्षण नहीं होते हैं।

इस बीमारी की पहचान के लिए इम्युनोहिस्टोलॉजी और हार्मोन की जांच से न्यूरो एंड्रोक्राइन ट्यूमर का पता लगाया जाता है। ट्यूमर के टुकड़े के लिए स्पेसफिक स्टेन इस्तेमाल किए जाते हैं। इससे ग्रेड का पता चलता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

डॉक्टरों के मुताबिक, अगर इस बीमारी का सही समय पर पता चल जाए तो इलाज संभव है। इस बीमारी के कई स्तर हैं। पहला और दूसरा सामान्य होता है, जबकि तीसरा खतरनाक होता है। सर्जरी से बीमारी का इलाज संभव है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के आंत और पेट में ट्यूमर होने पर सर्जरी से ही इलाज हो जाता है। इसके बाद 2 से 3 साल तक फॉलोअप किया जाता है। शरीर के अन्य अंगों में फैलने पर सर्जरी के साथ बायोथैरेपी देने की जरूरत भी पड़ती है।

याद रखें कि सेहत है तो जहान है...बीमारियों से बचे रहना चाहते तो हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। खूब पानी पीएं। फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। साथ ही जितना हो सकें तनाव व चिंता से दूर रहें।

Content Writer

Vandana