महिलाओं की सेहत बिगाड़ रहा है Instagram, जानिए कैसे?

punjabkesari.in Tuesday, Jan 15, 2019 - 06:41 PM (IST)

मॉडर्न जमाने में टैक्नॉलोजी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। युवा हो या बच्चे, आजकल हर कोई गेम्स एप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे एप्प का दिल खोलकर इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन शायद आप इस बात से अंजान है कि यह आपको शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ को प्रभावित कर रहा है। मगर हाल ही में हुए एक सर्वे को ध्यान में रखते हुए ‘इंस्टाग्राम’ को मानसिक सेहत के लिए बेहद खराब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म माना जा रहा है जबकि दूसरे नंबर पर स्नैपचेट रहा। इसका असर महिलाओं के स्वास्थ पर भी बुरा देखने को मिला तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि यह कैसे 

 

सोशल मीडिया को कैसे किया गया रेट?

युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ते गलत प्रभाव को देखते हुए ब्रिटेन के सर्वेक्षण में 'इंस्टाग्राम' को सबसे खराब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कहा गया है। वहीं यू-ट्यूब, स्नैपचैट और फेसबुक को दूसरा, तीसरा और चौथा स्थान दिया गया। ट्विटर को सबसे कम अंक मिले। सर्वेक्षण में 14-24 के बीच के आयुवर्ग के 1,479 लोगों से यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, फेसबुक और ट्विटर का उनके स्वास्थ्य पर पड़े प्रभाव से संबंधित कई सवाल पूछे गए, जिसके आधार पर उनकी रेटिंग की गई है।

इंस्टाग्राम क्यों है खराब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म?

इन एप्स की रेटिंग सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों पर की गई है। ‘इंस्टाग्राम’ के बारे में जो सबसे बड़ी समस्या बताई गई है,  वो है महिलाओं के बॉडी लुक को लेकर। युवा वर्ग सोशल मीडिया पर फोटो डालने के चक्कर में अकेले ही तस्वीरें क्लिक करते हैं और फिर उन्हें पोस्ट करने से पहले अच्छी दिखाने के लिए ना जाने कितना समय फिल्टर करने में ही लगा देते हैं, जिसके चलते वह अपने बढ़ते वजन पर भी ध्यान नहीं देते। नतीजा वह फोटो में सुंदर दिखाई तो देती हैं लेकिन असल लाइफ में इसे सही करने में किसी तरह का जोर नहीं लगा रहीं।

 

महिलाओं को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है इंस्टाग्राम

यह एप्प, उन्हें इनसिक्योर बना देता है, जिसकी वजह है फोटोशॉप्ड तस्वीरें। दरअसल, फोटो डालने के बाद महिलाएं इस बात को लेकर इनसिक्योर हो जाती है कि उनकी फोटो को कितने लाइक आएंगे, जोकि उन्हें डिप्रेशन का शिकार भी बना देता है। वहीं इंस्टाग्राम बुलिंग किसी भी महिला को मानसिक रूप से तोड़ देती है।

मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान

सोशल मीडिया का इस्तेमाल, किसी अन्य आयु वर्ग के मुकाबले 90 फीसदी युवा करते हैं, इसलिए युवाओं पर इसका असर ज्यादा पड़ता है। साथ ही इस अध्ययन में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने के कारण लड़कियां इसकी ज्यादा शिकार हो रही हैं।

 

डिप्रेशन के लिए भी जिम्मेदार

आजकल लोग घंटों तक इन एप्स का इस्तेमाल करते रहते हैं, जिसके कारण वो अनिद्रा, एंग्जाइटी डिसऑर्डर, डिप्रेशन और फियर ऑफ मिसिंग आउट (Mental Health Condition) जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इतना ही नहीं, इनके कारण युवाओं की बॉडी इमेज पर भी बुरा उसर पड़ता है।

आंखों पर भी बुरा प्रभाव

इन एप्स के चक्कर में युवा दिन में तो मोबाइल का इस्तेमाल करते ही लेकिन वह देर रात तक भी इसका पीछा नहीं छोड़ते। मगर आपको बता दें कि घंटों मोबाइल का इस्तेमाल स्किन व आंखों पर बुरा प्रभाव डालता है। घंटों नजर गड़ाए रखने से ना सिर्फ आंखों की रोशनी तो कम होती है बल्कि इससे आंखों के नीचे काले घेरे, पफ्फी आईज ( आंखों के आस-पास सूजन) और आंखों में खुजली व लालगी की समस्या भी हो जाती है।

ऐसे करें बचाव

 इंस्टाग्राम व फेसबुक पर रिमाइंडर

सोशल मीडिया पर आपके द्वारा खर्च किए जाने वाले समय को सीमित करने के लिए आप इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रिमाइंडर लगा सकते हैं, ताकि आप यह देख सकें कि आप हर दिन उन पर कितना समय बिताते हैं।

 

गलत वेबसाइटों को करें ब्लॉक

फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी ध्यान भटकाने वाली वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए आप एप्स का एक बॉक्स भी डाउनलोड कर सकते हैं।

 

सोने से पहले ना करें इस्तेमाल

बहुत सारे लोग सोने से पहले जमकर इन एप्स का यूज करते हैं। रात को इसका इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है इसलिए सोने से पहले फोन से दूरी बना लें तो बेहतर है।

रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ बिताएं समय

मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने के साथ दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ बात करें। इससे आपका दिमाग भी तरोताजा महसूस करेगा।

 

सोशल साइट्स का करें कम यूज

आउटडोर एक्टिविटीज में हिस्सा लें और मोबाइल फोन व सोशल साइट्स का कम से कम इस्तेमाल करें।

 

हर काम के लिए मोबाइल ना रहें निर्भर

जरूरी काम के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल सही है लेकिन हर काम के लिए इसके ऊपर निर्भर ना रहें। कुछ काम खुद करने की कोशिश करें।

 

आउटडोर एक्टीविटीज में लें हिस्सा

बहुत सारे लोग फ्री टाइम या ट्रेवलिंग के दौरान भी इनपर आंखें गढ़ाए रहते हैं। इससे एक तो आंखों पर बुरा असर पड़ता है दूसरा उनकी बॉडी रेडिएशन के संपर्क में भी ज्यादा देर रहती है जो सेहत के लिए नुकसानदायक है। बेहतर होगा आप अपने इस समय का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करें।

 

Content Writer

Anjali Rajput