पिता अशिक्षित लेकिन बेटी को बनाया SI, अब अपनी नेकदिली से लोगों का दिल जीत रही सिरीशा

punjabkesari.in Friday, Feb 26, 2021 - 04:42 PM (IST)

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक महिला पुलिस अफसर काफी ट्रेंड कर रही है। वजह है उनके नेकदिली जो आजकल इंसानों में ढूंढे नहीं मिलती। पुलिस को लेकर ज्यादातर लोग नकारात्मक सोच रखते हैं लेकिन आंध्रप्रदेश, काशीबुग्गा पुलिस स्टेशन की SI कोट्टुरू सिरीशा (kotturu sirisha) इस सोच को गलत साबित करती नजर आ रही हैं।

क्यों चर्चा में आई ये महिला पुलिस SI?

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है जिसमें SI कोट्टुरू सिरीशा ने अपने कंधे पर एक लाश उठाई हुई है। यह एक लवारिश लाश थी जिसे सिरीशा ने अपने कंधो पर उठाया और 2 कि.मी. पैदल चलकर उसे एम्बुलेंस तक पहुंचाया। बस फिर क्या... सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर वायरल हो गई और हर कोई उनकी चर्चा करने लगा।

30 जनवरी, सुबह 10.30 बजे पुलिस स्टेशन में सिरीशा को अदवी कोठुर गांव से एक फोन आया। फोन करने वाले शख्स ने उन्हें बताया कि गांव में एक लाश लवारिस पड़ी हुई है। यह गांव सड़की इलाके से 10 कि.मी. दूर इसलिए वहां चलकर ही जाना पड़ता है। लेकिन सिरीशा फोन आने के बाद तुरंत गांव के लिए निकल पड़ी।

हर तरफ से मिली शाबाशी

गांव पहुंचकर सिरीशा ने देखा कि वहां 80 साल की बुजुर्ग व्यक्ति की लाश पड़ी हुई है। बुजुर्ग के शरीर को कोई चोट के निशान नहीं थे लेकिन वो काफी कमजोर था। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसकी मौत भूख के कारण हुई। इसके बाद सिरीशा ने स्थानीय लोगों से लाश को एम्बुलेंस तक पहुंचाने का आग्रह किया लेकिन कोई आगे नहीं आया। आखिर में सिरीशा ने वृद्ध महिलाओं और बच्चों की स्थानीय संस्था में फोन करके मदद मांगी।

तब सिरीशा को पता चला कि संस्था में इस व्यक्ति का एक जानकार थी, जो उसे पिता मानती थी। इसके बाद सिरीशा ने उनके साथ मिलकर लाश को 2 कि.लो. मीटर दूर खड़ी एम्बुलेंस तक पहुंचाया। सिरीशा के इस नेक काम का वीडियो आंध्रप्रदेश पुलिस ने ट्विटर पर पोस्ट किया, जिसके बाद हर कोई उनके काम की तारीफ कर रहा है।

पिता के दिए संस्कारों ने बनाया कामयाब

विशाखापट्टनम की रहने वाली सिरीशा के पिता अप्पा राव राजमिस्त्री का काम करते हैं। उनके पिता ने काफी परेशानियों के बाद सिरीशा को पढ़ाया। सिरीशा ने फार्मेसी से बी.ए. की डिग्री ली जिसके बाद उनके परिवार को लगा कि वह एक बड़ी कंपनी में नौकरी करके घर की जिम्मेदारियों में हाथ बटाएगी लेकिन उनका सपना तो कुछ और ही था। वह पुलिस में जाकर लोगों की सेवा करना चाहती थी।

पूरा किया पिता का सपना

शायद यह सिरीशा की सच्ची लगन ही थी कि उन्होंने पहली बार में ही पुलिस की परिक्षा पास कर ली। उनकी पहली नियुक्ति एक्साइज डिपार्टमेंट कांस्टेबल में की गई, जिसके बाद वह आगे बढ़ती गई। इसके बाद उन्होंने SI की परीक्षा पास की और अब उनका लक्ष्य DSP बनने का है, जिसके लिए वह जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं।

पिता से मिली प्ररेणा

पुलिस की ड्यूटी पूरी करने के बाद भी सिरीशा बूढ़ों, बच्चों और जरूरतमंदों की सेवा में जुटी रहती हैं। सिरीशा का मानना है कि ऐसा करके उन्हें लगता है कि वो भगवान शिव की सेवा कर रही है। भले ही हमारे पिता पढ़े-लिखे ना हो लेकिन उन्होंने हमें हमेशा सिखाया है कि इंसानियत का धर्म सबसे बड़ा होता है।

Content Writer

Anjali Rajput