पैलेट गन ने छीनी आंखों की रोशनी...फिर भी Insha Mushtaq ने नहीं मानी हार! 12 वीं परीक्षा की पास

punjabkesari.in Sunday, Jun 11, 2023 - 11:48 AM (IST)


हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद साल 2016 में पैलेट गन से आंखों की रोशनी गंवाने वाली इंशा मुश्ताक ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास कर ली है। 22 साल की इंशा को 500 में से 319 आंक मिले हैं। दक्षिण कश्मीर के शोपियां के सेडो इलाके की रहने वाली इंशा ने अपनी द्दष्टि खोने के दो साल बाद 10वीं की परीक्षा पास कर ली है। 

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आंखों की रोशनी गंवाने के बाद भी इंशा ने हिम्मत नहीं हारी।  उसने सभी बाधाओं को पार करते हुए सफलता प्राप्त की।  इसका श्रेय वो अपने परिवार को देती हैं। वो कहती हैं कि 10वीं कक्षा के बाद उसने दिल्ली पब्लिक स्कूल श्रीनगर में प्रवेश लिया और कंप्यूटर और अंग्रेजी का तीन साल का कोर्स किया। 2021 में 11वीं कक्षा उत्तीर्ण की और अब 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। उनका कहना है कि परिवार इस बात पर अड़ा रहा कि मैं पढूं। उन्होंने कहा कि उम्मीद और हिम्मत मत हारो, पढ़ो और स्वतंत्र बनो। फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इंशा ने जम्मू- कश्मीर सेंटर फॉर पीस एंड जस्टिस (जेकेसीपीजे) संस्था को समर्थन के लिए आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जेकेसीपीजे के निदेशक नादिर अली ने समर्थन किया और मुझे शिक्षा प्रदान की। इंशा का कहना है कि अब वह स्नातक की डिग्री हासिल करना चाहती हैं। साथ ही संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा के लिए कोचिंग क्लास लेना चाहती हैं। 

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आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं इंशा मुश्ताक 

उन्होंने कहा कि वह एक आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं, ताकि सभी दृष्टिबाधित लोगों के लिए एक उदाहरण बन सकूं। चाहती हूं कि उनमें से हर एक स्वतंत्र हो और जीवन में आगे बढ़े। देश के विभिन्न हिस्सों में दृष्टिहीनों के लिए एक स्कूल की आवश्यकता पर भी जोर दिया। यह भी कहा कि कश्मीर घाटी में बहुत कम जागरूकता है। इस कारण दृष्टिबाधित पिछड़ रहे हैं।

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हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर वानी के मारे जाने के तीन दिन बाद 11 जुलाई 2016 को इंशा को छर्रे लगे थे। उन्होंने अपने घर पर बाहर देखने के लिए एक खिड़की खोली थी।
 


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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