इंदिरा नूई: 'ऑफिस में साड़ी पहनती थी इसलिए मुझे क्लाइंट मीटिंग्स में नहीं ले जाया जाता था"

punjabkesari.in Tuesday, Feb 01, 2022 - 12:25 PM (IST)

साड़ी यूं तो हमारी भारतीय संस्कृति का हिस्सा है लेकिन फिर भी इसे पहनने वाली महिलाओं के साथ आज भी भेदभाव होता है। यही नहीं, दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की लिस्ट में शामिल पेप्सिको की चेयरपर्सन और CEO रहीं इंदिरा नूई भी इसका शिकार हो चुकी हैं। इंदिरा नूई एक भारतीय-अमेरिकी व्यापार कार्यकारी, पेप्सिको की पूर्व अध्यक्ष और सीईओ हैं।

शक्तिशाली महिलाओं की की लिस्ट में शामिल

2014 में उन्हें फोर्ब्स की विश्व की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 13वें स्थान मिला था। साल 2015 में फॉर्च्यून सूची में उन्हें दूसरी सबसे शक्तिशाली महिला का स्थान दिया गया था। 2017 में उन्हें फोर्ब्स की बिजनेसवुमन लिस्ट में 19 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में एक बार फिर दूसरी सबसे शक्तिशाली महिला का स्थान दिया गया। साल 2021 में उन्हें फिलिप्स के बोर्ड में शामिल किया गया था।

कई दिक्कतों का करना पड़ा सामना

उन्होंने अपनी मेहनत और हिम्मत से पुरुष समाज में एक मेल डोमिनेंट सट्रक्चर में अपनी अलग पहचान बनाई। जिस दौर में महिलाएं काम के लिए बाहर नहीं निकलती थी उस समय इंदिरा नूई न सिर्फ पढ़ने के लिए विदेश गई बल्कि बिजनेस के मैदान में भी उतरीं।मगर, कॉरपोरेट जगत में अपनी दमदार पहचान बना चुकी इंदिरा को यहां तक पहुंचने के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

साड़ी की वजह से हुआ भेदभाव

एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद बताया था कि करियर की शुरूआत में उन्हें साड़ी की वजह से भेदभाव झेलना पड़ा था। उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी "माय लाइफ ऐट फुल"  में भी इस किस्से का जिक्र किया है। यह किताब उन्होंने कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान लिखी थी। इसके कारण कई बार उनके सहकर्मी उन्हें लिए बिना ही क्लाइंट मीटिंग्स में चले जाते थे लेकिन उन्हें अपने कल्चर पर गर्व था।

पेप्सिको की चेयरपर्सन और सीईओ

उन्होंने लिखा, "मेरे साथ यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई लेकिन कॉरपोरेट जगत में करियर की शुरुआती दिनों में कुछ पुरुषों के व्यवहार से मेरी शालीनता को ठेस पहुंचाई। मुझे इंडियानापोलिस में एक लाइन मीटिंग में साड़ी पहन कर ले जाना, उन दिनों मेरे कलीग्स के लिए बहुत असहज होता था। वे मेरे बिना ही क्लाइंट मीटिंग्स में चले जाते थे। उस समय ही मैं पूरी तरह से समझ गई थी कि यह साड़ी पहनने की छोटी सी कीमत है और मैंने इसे स्वीकार कर लिया।" उन्हें लंबे वक्त तक इस भेदभाव का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने इस कठिन समय का मजबूती से सामना किया और पेप्सिको जैसे बड़ी कंपनी की चेयरपर्सन और सीईओ बन गईं। 

पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित

उन्होंने अपनी मेहनत और हिम्मत से पुरुष समाज में एक मेल डोमिनेंट सट्रक्चर में अपनी अलग पहचान बनाई। यही नहीं, 2007 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बिजनेस जगत में अतुल्य योगदान के लिए उन्हें 2009 में न्यूयॉर्क के बर्नार्ड कॉलेज द्वारा 'बर्नार्ड मेडल ऑफ़ ऑनर' सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इंदिरा नूई ने अपनी मेहनत और लगन से साबित किया है कि भारतीय महिलाएं कुछ भी हासिल करने का जज्बा रखती हैं।

Content Writer

Anjali Rajput