कोरोना संकट में हाउस मेड को घर में बुलाना सही या गलत !

punjabkesari.in Tuesday, Jul 21, 2020 - 03:18 PM (IST)

कोरोना वायरस के कारण देशभर में लगे लाॅकडाउन के चलते कई लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। वहीं अब लाॅकडाउन में मिली कुछ राहत के चलते रुकी हुई जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर आ गई है। लोगों ने अपने घरों में काम करने वाली मेड को वापस बुला लिया है। हालांकि अब सवाल उठता है कि क्या मेड को काम पर वापस बुलाने का ये सही समय है?

लगातार बढ़ते जा रहे मामले

भारत में अभी भी कोरोनो वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस संकट के समय में घर पर काम करने वाली मेड को वापस बुलाना किसी खतरे से खाली नहीं है। तो क्या फिर उनकी सैलरी उन्हें तब तक देते रहना चाहिए जब तक कि यह संकट टल नहीं जाता? लेकिन फिलहाल ये कोई नहीं जानता कि कोरोना वायरस का संकट कब तक रहेगा।

कामवाली बाई पर निर्भर भारत के लोग

पिछले साल की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल सैंपल सर्वे के हवाले से कहा गया था कि निजी घरों में काम करने वालों के रूप में अनुमानित 39 लाख लोग कार्यरत हैं, जिनमें से 26 लाख महिलाएं हैं। यह डेटा एक झलक देता है कि भारत में लोग अपनी मेड पर कितना निर्भर रहते हैं। लेकिन सीमित शिक्षा और गरीबी के कारण घरों में काम करने के लिए मजबूर महिलाओं पर लॉकडाउन काफी भारी पड़ा है।

गुरुग्राम में लगा था मेड पर प्रतिबंध

गुरुग्राम में आरडब्ल्यूए हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में काम करने वाली मेड के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन जिला प्रशासन ने कहा घरों में काम करने वालों को फिर से अपने काम पर जाने की इजाजत दे दी। जबकि हर किसी में अभी भी कोरोनोवायरस फैलने का डर है।


क्या कोरोना संकट में घर पर काम करने वाली बाई को बुलाना सही है या गलत इस पर कमेंट बाॅक्स में अपनी राय जरूर दें।

Content Writer

Bhawna sharma