ब्रिटेन के फैसले पर भारत का सख्त रुख, अब ब्रिटिश नागरिकों को 10 दिन रहना होगा क्वारंटीन
punjabkesari.in Saturday, Oct 02, 2021 - 04:07 PM (IST)
भारत ने यूनाइटेड किंगडम से भारत आने वाले सभी यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके मुताबिक अब उन्हें 10 दिन तक क्वारंटीन में रहना अनिवार्य होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटेन आने वाले सभी नागरिकों के लिए 10 दिन के होम क्वारंटाइन का सख्ती से पालन करने को कहा है। साथ ही सभी राज्यों से उस अवधि में उनकी सख्ती से निगरानी रखने के लिए भी कहा गया है। नए यात्रा दिशानिर्देश 4 अक्टूबर से लागू होंगे और यूके से आने वाले सभी यूके नागरिकों पर लागू होंगे।
टीकाकरण के बाद भी होना पड़ेगा क्वारंटीन
बता दें कि पहले के स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार यूके से आने वाले यात्रियों को 7 दिन के होम क्वारंटाइन करना पड़ता था। वहीं, कोविड रिजल्ट नेगेटिव आने के बाद यात्रियों को जाने की अनुमति मिल जाती थी लेकिन उन्हें अगले सात दिनों तक अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होती थी। इसे अब यूके से आने वाले सभी यूके नागरिकों के लिए उनके टीकाकरण की स्थिति के बावजूद 10 दिन क्वारंटीन होना पड़ेगा।
क्वारंटीन के साथ ही RT-PCR टेस्ट भी जरूरी
अब ब्रिटेन से भारत आ रहे सभी यात्रियों को भी बिना वैक्सीन वाला माना जाएगा, फिर चाहे वो दोनों डोज ही क्यों ना ले चुके हो। इसके अलावा यात्रियों को तीन COVID-19 RT-PCR परीक्षण भी करने होंगे – यात्रा से 72 घंटे के भीतर, हवाई अड्डे पर आगमन पर और आगमन के 8 दिन बाद।
यूके से भारत आने वाले यात्रियों के लिए सरकार की नई गाइडलाइन जारी
नए यात्रा दिशानिर्देश 4 अक्टूबर से लागू होंगे और यूके से आने वाले सभी नागरिकों पर लागू होंगे, जो इस तरह है...
. UK से भारत आने वाले यात्रियों को 10 दिन तक क्वारंटीन रहना होगा।
. 10 दिन तक घर या होटल में रहना होगा क्वारंटीन
. 4 अक्टूबर से लागू होंगी नई गाइडलाइन
. 72 घंटे पहले की RT-PCR रिपोर्ट लाना होगा अनिवार्य
. हवाई अड्डे पर भी होगा RT-PCR टेस्ट
. वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके यात्रियों को भी नहीं मिलेगी छूट
भारत ने ब्रिटेन को दिया करारा जवाब
गौरतलब है कि भारत ने यह कदम ब्रिटेन को जबाव देने के लिए उठाया है। दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने ट्रैवल पॉलिसी में कोविशील्ड को मंजूरी तो दी लेकिन भारतिय वैक्सीन सर्टिफिकेट को नहीं। इसके कारण भारतीयों को कोई फायदा नहीं हुआ इसलिए अब भारत ने भी ब्रिटिश यात्रियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया।