ये हैं महिला बाउंसर्स, पुरुषों के साथ चल रही हैं कदम से कदम मिलाकर

punjabkesari.in Tuesday, Oct 30, 2018 - 03:37 PM (IST)

बाउंसर का पेशा औरतों के लिए अच्छा नहीं समझा जाता, लोगों की सोच है कि इसके लिए शारीरिक मजबूती की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन देश में कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो लोगों के इस भ्रम को तोड़ रही हैं। नाइट क्लब में पुरुषों की तरह महिला बाउंसर का काम करना, पब में लोगों को झगड़ने से रोकना,तोड़-फोड़ करने वाले लोगों से निपटना आदि इन महिलाओं को बहुत अच्छी तरह आता है। आइए जानें कौन हैं ये 2 महिलाएं। 


कविता भीमा गायकवाड़
32 वर्षीय कविता भीमा गायकवाड़ पुणे के पिंपरी में डिलक्स चौक में हैं। 109 किलो वजन और 5'8 की लंबाई वाली कविता पब में बाउंसर का काम करती हैं। 2010 में शादी कर चुकी कविता के पति और परिवार वाले भी उनके काम को स्पॉट कर रहे हैं। क्लब में आने वाली महिलाओं को सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी वह इमानदारी से निभाती हैं।  


शर्मिला प्रफुल क्रिस्टी
पुणे की ही रहने वाली 50 वर्षीय शर्मिला प्रफुल क्रिस्टी भी क्लब में बाउंसर का काम कर रही हैं। उनका इस नौकरी के बारे में कहना है कि इस पेशे में बहुत सारे जोखिम हैं, किसी की परेशानी का हल करते समय खुद को भी उतना ही सुरक्षित रखा पड़ता है। कई बार ड्यूटी करते समय उन्हें कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। 

 

Content Writer

Priya verma