महिलाओं के लिए नर्क बनता जा रहा है ईरान ! अब और सख्त होगा हिजाब कानून, AI से होगी निगरानी

punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2023 - 02:20 PM (IST)

ईरान में महिलाओं को लेकर पाबंदियां कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है। यहां सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के लिए सिर के बाल ढंकना और ढीले-ढाले कपड़े पहनना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर जुर्माने और सज़ा का प्रावधान भी है। अब इसी बीच खबर है कि  ईरानी सरकार हिजाब पहनने को लेकर पहले से कड़े नियम लाने की तैयारी कर रही है। पिछले कुछ समय से यहां हिजाब को लेकर विवाद जारी है।

महसा की मौत के बाद हुआ विवाद

मसा आमिनी के मौत के एक साल पूरे होने से पहले ईरान सरकार यह कदम उठाने जा रही है। याद हो कि पिछले साल 22 साल की ईरानी लड़की महसा को पुलिस ने हिजाब को ठीक से न पहनने को लेकर हिरासत में लिया गया था उसके कुछ घंटे बाद पुलिस कस्टडी में ही उसकी मौत हो गई। महसा की मौत के बाद   लोगों का गुस्सा उबल पड़ा और देश के अलग- अलग हिस्सों में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ।


ईरान की महिलाओं  को मिला था कई देशों का साथ

उस समय 500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी मारे गए थे। हिजाब को लेकर शोर सिर्फ ईरान नहीं बल्कि स्वीडन से लेकर कनाडा और तमाम अरब देशों में भी सुनाई देने लगा था। हिजाब के खिलाफ ईरान की महिलाओं का साथ देने के लिए अलग-अलग मुल्कों में महिलाएं सड़कों पर उतर आई थी। हिजाब क्रांति के बावजूद ईरान सरकार अपने फैसले से पीछे हटने का नाम नहीं ले रही है। CNN के मुताबिक, नए विधेयक में हिजाब न पहनने वालों की सजा को अधिकतम 2 महीने से बढ़ाकर 10 साल कर दिया जाएगा।

ईरान सरकार लेगी AI की मदद

 इसके अलावा हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को ट्रैक करने के लिए AI की मदद भी ली जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह विधेयक, ईरानियों के लिए एक चेतावनी है कि पिछले साल देशभर में भारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद ईरान हिजाब रूल पर अपने रुख से पीछे नहीं हटेगा। नए विधेयक में हिजाब नियमों का उल्लंघन करने वाले मशहूर हस्तियों के लिए भी नए तरह के दंड को शामिल किया गया है। 

ये है ईरान का कानून

ईरान इस्लामी दंड संहिता के अनुच्छेद 368 को हिजाब कानून मानता है। इसके अनुसार  ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वालों को 10 दिन से लेकर दो महीने तक की जेल या 50,000 से 500,000 ईरानी रियाल के बीच जुर्माना हो सकता है । वैसे ईरान की महिलाएं अपनी ताकत का एहसास सरकार को पहले करा चुकी है, अब देखना यह है कि इस बार ईरान की जनता का इस फैसले के खिलाफ क्या करेगी।
 

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vasudha