बच्चों के विकास में अहम रोल निभाता है परिवार, जानिए कैसे

punjabkesari.in Saturday, May 15, 2021 - 05:46 PM (IST)

आज दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य लोगों के बीच परिवार की अहमियत को बताना है। आज के समय में लोग शादी के बाद न्यूक्लियर फैमिली में रहना पसंद करते है। ऐसे में बच्चे परिवार के महत्व को नहीं पाते। असल में परिवार जिंदगी का वो हिस्सा है जो हमें एक-दूसरे संग प्यार, आपसी सहयोग और आपसी समझ के साथ जीना सीखाती है। साथ ही बच्चे उनसे कई तरह के गुण सीखते हैं जिससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास अच्छे से होता है। चलिए आपको बताते हैं बच्चों के लिए परिवार में रहने का क्या महत्व है....

इमोशनली अटैचमेंट

परिवार के हर सदस्य से बच्चे इमोशनली अटैच हो जाते हैं। जिनसे बच्चे अपनी बातें और फीलिंग्स खुलकर शेयर करते हैं। घर पर बड़े बुजुर्गों के होने से बच्चे पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं और उनके साथ अपना क्वालिटी टाइम बीताकर बहुत कुछ सीखते भी हैं।

मिलती है अच्छी सीख

मां-बाप के साथ-साथ घर के बुजुर्ग भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं। दादा-दादी का बच्चों से एक अलग ही लगाव होता है। उनका बच्चों को बातें समझाने का ढंग एकदम शांत और सरल होता है। इसके अलावा वे उन्हें अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर सीख देते हैं। इस तरह एक परिवार में पेरेंट्स के साथ बच्चों के लिए दादा-दादी भी बेहद महत्व रखते हैं।

अकेलापन होता है दूर

परिवार जितना बड़ा होगा बच्चों का अकेलापन उतना ही दूर होगा। पेरेंट्स घर न हो लेकिन बच्चे के स्कूल से घर आने पर उसे परिवार के बाकी सदस्य मिले तो वो उनके साथ रहकर अच्छा समय बीताते हैं। ऐसा होने से बच्चे की उनके साथ अच्छी बॉन्डिंग होती है। साथ ही उनसे संस्कार, अच्छी बातें और फैमिली वैल्यूज सीखते हैं। वे अपने से बड़ों का आदर, छोटों से प्यार और चीजों को शेयर करना आदि अच्छी बातों को सीखते हैं।

परंपराओं और रीति-रिवाजों की जानकारी

आज के जमाने में लोग अपनी पुरानी परंपराओं, संस्कारों और रीति-रिवाजों को भूलते जा रहें है जिसका कारण घर में बड़े बुजुर्गों का न होना है। ऐसे में घर के बड़े-बूढ़े होने से बच्चे उन्हें पुरानी परंपराओं को करते और मानते हुए देखते हैं और खुद भी उन्हें फॉलो करते हैं। इससे उन्हें अपने रीति-रिवाजों के साथ यह पता चलता है कि किस व्रत और त्योहारों का क्या महत्व है। उसे मनाने के पीछे का कारण जानकर वे त्योहारों को मनाने की चाह भी रखते हैं। 

Content Writer

Bhawna sharma