Women Health: औरतों को बीमारियां दे रहा है टॉयलेट का ऐसा इस्तेमाल

punjabkesari.in Friday, Feb 08, 2019 - 01:21 PM (IST)

पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना शायद ही किसी को पसंद होता है लेकिन मजबूरी में हम सभी को कभी न कभी इनका इस्तेमाल करना ही पड़ जाता है। कोई पब्लिक टॉयलेट भले ही कितना भी साफ क्यों न दिखे, लेकिन उसमें बहुत अधिक मात्रा में कीटाणु होते हैं। इससे कई प्रकार की बीमारियां भी हो सकती हैं।

 

महिलाओं को होती है ज्यादा दिक्कत

जो लोग पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं उन्हें यूरीन इन्फेक्शन आम हो जाता है। यह यूरीन इन्फेक्शन महिला या पुरूष दोनों को हो सकता है। लेकिन अगर यह इन्फेक्शन लड़कियों या महिलाओं को हो जाता है, तो इससे बहुत परेशानी हो सकती है। लड़िकयों और महिलाओं के लिए पब्लिक टॉयलेट का यूज करना एक मजबूरी की तरह होता है।  हम आपकी परेशानियों को दूर करने के लिए आपको कुछ खास टिप्स दे रहें हैं जिसे अपनाने के बाद आप इंफेक्शन से बच सकती हैं।

 

इन बीमारियों का रहता है खतरा

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि टॉयलेट में काफी गंदगी होती है और वे कई तरह के कीटाणुओं का अड्डा होते हैं। जैसे स्ट्रेप्टोकोकस (जो आपके गले को संक्रमित कर सकते हैं), स्टैफिलोकोकस, ई. कोली (जिससे डायरिया और पेट में मरोड़ हो सकता है), एस. औरियस (जो निमोनिया या त्वचा की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं), शिगेला जीवाणु, हैपेटाइटिस ए विषाणु, सामान्य सर्दी वाले कीटाणु और यहां तक कि यौन संक्रमण फैलाने वाले जीव। 

 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट का मानना है कि पब्लिक टॉयलेट यूज करते वक्त यदि सेमी-स्क्वॉटिंग करती हैं तो ऐसा करना आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। आप इसका इस्तेमाल कभी ज्यादा जरूरी हो तभी करें। अगर आप रोजाना इसका इस्तेमाल करती है तो आपको मांशपेशियों में दिक्कत हो सकती है क्योंकि  सेमी-स्क्वॉटिंग के दौरान हमारी मांशपेशियां पूरी तरह से रिलेक्स नहीं हो पाती हैं।

 

सफर में पड़ सकती है रुकावट

कई बार सफर के दौरान पब्लिक टॉयलेट के अंदर जाते ही आपका मूड खराब हो जाता है और आसपास में टॉयलेट पेपर देखने लगती हैं। कई बार आपको आसानी से टॉयलेट पेपर भी नहीं मिल पाता हैं। ऐसे में आप पूरी तरह से रिलेक्स नहीं हो पाती जिससे मूड खराब हो जाता है और सफर का पूरा मजा भी नहीं ले पाती। कई बार तबीयत भी खराब हो जाती है।

 

यूटीआई का खतरा

सेमी स्क्वॉटिंग  के दौरान ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं हो पाता। कुछ यूरीन अंदर ही रह जाता है, जो आगे चलकर यूटीआई का खतरा बन जाता है।  यूटीआई से बचने का एक ही तरीका है हमेशा अपने साथ टॉइलेट पेपर कैरी करें। ऐसा करने से आपको कभी टॉयलेट करने में दिक्कत नहीं आएगी। आपकी मांशपेशियां भी हेल्दी रहेंगी। 

टॉयलेट का इस्तेमाल करते वक्त बरते सावधानी

1. टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद हमेशा अपने हाथ धोएं। यहां हाथ धोने का सिर्फ ये मतलब नहीं है कि आपको सिर्फ पानी से हाथ धोना है। जी नहीं, बल्कि आपको साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक अच्छे से झाग लाकर, उंगलियों के कोने और नाखूनों के भीतर तक उन्हें पहुंचाकर हाथ धोना है।
2. हाथ धोने के बाद, नल को टिश्यू पेपर से बंद करें और उसी टिश्यू पेपर का इस्तेमाल शौचालय का दरवाज़ा खोलने के लिए भी करें।
3. क्लीन वाइप अपने साथ रखें और बैठने से पहले शौच की सीट को उस वाइप से पोंछ लें। यही एक तरीका है जिससे आप स्टैफिलोकोकस और स्किन को नुकसान पहुंचाने वाले दूसरे कीटाणुओं से बच सकते हैं।
4. फ़्लश के हैंडल को हाथ से ना छुएं। इसके लिए अपने पैरों का इस्तेमाल करें।
5. फ़्लश करते समय पॉट का ढक्कन बंद कर दें। कुछ सार्वजनिक शौचालयों में पॉट पर ढक्कन नहीं लगे होते, वहां आप फ़्लश करने से पहले दरवाज़ा खोल सकते हैं और फिर वहां से जल्द ही निकल जाएं।
6. हाथों को सुखाने वाली मशीन का इस्तेमाल करते समय, वायु निकासी वाली सतह को ना छुएं क्योंकि इससे संदूषण का खतरा होता है।
7. कभी भी अपने पर्स या सामान को फ़र्श पर ना रखें। पब्लिक टॉयलेटमें फ़र्श ही वो जगह होती है जहां सबसे ज्यादा रोगाणु पाए जाते हैं।

Content Writer

Vandana