अगर आपके बच्चे भी करते है जिद तो फॉलो करें ये 6 बातें

punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2019 - 06:23 PM (IST)

जब भी पेरेंट्स बच्चों के साथ मार्किट में जाते है तो वह बच्चों की जिद करने की आदत से काफी तंग हो जाते है। उस समय जब बच्चे जिद करते है तो वह चाह कर भी कुछ नही कर पाते है। ऐसे में पेरेंट्स को उनकी जिद माननी पड़ती है। देखने वाले कहते है कि पेरेंट्स ने बच्चों को ज्यादा ही सिर पर चढ़ा रखा है लेकिन पेरेंट्स का मनना होता है कि वह उन्हें कितना भी अनुशासन में रखें घर के बड़े उन्हें मनमर्जी करने देते है। आप चाहें तो कुछ बातों को ध्यान में रख कर बच्चों की जिद्द व उनके इस व्यवहार से जुड़ी शिकायतों को दूर कर सकते हैं। 

बच्चों को बताएं कारण 

जब बच्चा किसी चीज के बारे में पूछता है या लेने की जिद्द करता है तो उसे गुस्सा होने या डांटने की जगह समझाएं वह उस चीज को क्यों नही ले रहे हैं। ताकि बच्चे समझ सकें आपने यह निर्णय क्यों लिया हैं। 

नियमों का पालन जरुरी 

बच्चों के लिए नियम बनाए साथ ही उन्हें कहें कि उन्हें यह पूरी सख्ती के साथ फॉलो भी करने होगें। अगर वह कोई नही नियम तोड़ देते है तो उन्हें इसके लिए सजा दें। साथ ही उन्हें समझा दें की अगली बार वह यह नियम न तोड़ें।

बच्चों की जिद्द के सामने झुकें नही 

अक्सर जब बच्चे मार्किट में जिद करते है तो पेरेंट्स उनके सामने झुक जाते है, ताकि वह किसी तरह की शर्मिंदगी से बच सकें। जब पेरेंट्स बार- बार ऐसा करते है तो बच्चे समझ जाते है कि उनकी जिद्द के आगे उनके पेरेंट्स हमेशा झुक जाते है। इसलिए यह बात उनकी आदत में शामिल हो जाती है। इसलिए कभी भी किसी के सामने बच्चों की जिद्द के आगे न झुकें। 

दंड देना भी है जरुरी 

दंड देने का अर्थ बच्चों को केवल मारना या सजा देना नही होता है। उनके लिए दंड का अर्थ अच्छा काम न करने पर पुरस्कार न मिलना, उनकी किसी बात को पूरा न करना उनकी एक दिन की पॉकेटमनी न देना भी सजा ही होता है। इनसे न केवल उन्हें अपनी गलती व जिद्द करने की आदत को भी छोड़ना पड़ेगा। 

नजरअंदाज न करें 

अगर आप बच्चों के अच्छे व्यवहार के लिए उन्हें प्रोत्साहित करती है इनाम देती है तो उनके बुरे व्यवहार के लिए आपको नजरअंदाज न कर उन्हें सजा भी देनी चाहिए। अगर उन्हें किसी खराब आदत के लिए डांटा नही गया तो उन्हें समझ नही आएगा कि वह कहां सही है व कहां गलत है। 

पूरे परिवार की हो एक जैसी प्रतिक्रिया

जब बच्चा कोई गलती करता है तो परिवार का एक सदस्य उन्हें डांटता है वहीं दूसरा प्यार करता है तो उन्हें समझ नही आएगा कि वह गलत है या सही। उनकी ओर से की गई जिद्द कहां से गलत है। वह ऐसे मौके में खुद सही ही पाएंगें। इसलिए बच्चों की हरकतों पर एक जैसी ही प्रतिक्रिया रखनी चाहिए। 

 

Content Writer

khushboo aggarwal