थायराइड को कंट्रोल में रखेंगे ये 5 आसन, मिलेंगे और भी कई फायदे

punjabkesari.in Thursday, Sep 26, 2019 - 02:46 PM (IST)

आजकल लोगों में थायराइड की समस्या काफी देखने को मिल रही है। थायराइड कोई रोग नहीं बल्कि गर्दन में पाई जाने वाली एक ग्रंथि का नाम है, जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। हम जो कुछ भी खाते हैं, यह ग्रंथि उसे ऊर्जा में बदलने का काम करती है। साथ ही ह्रदय, हड्डियों, मांसपेशियों व कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करती है। जब इस ग्रंथि में मौजूद टी3 (ट्राईआयोडोथायरोनिन) और टी4 (थायरॉक्सिन) हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, तो वजन बढ़ने या कम होने लगता है, जिसे थायराइड कहा जाता है।

 

वैसे तो लोग थायराइड को कंट्रोल करने के लिए दवा का सेवन करते हैं लेकिन आज हम आपको कुछ योग के बारे में बताने जा रहे हैं, जो थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करेंगे।

सर्वांगासन

सर्वांगासन करने से थायराइड व हाइपोथेलेमस ग्रंथियों को फिर से सक्रिय व क्रियाशील करने में मदद मिलती है। साथ ही हार्मोंस संतुलित होते है, जिससे थायराइड की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। इस आसन को करने से पाचन तंत्र भी ठीक से काम कर पाता है और मानसिक तनाव भी कम होता है।

आसन करने का तरीका

इसके लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएं और सांस खींचकर पैरों धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। फिर कमर व चेस्ट तक के भाग को ऊपर उठाएं। दोनों हाथों को कोहनी से मोड़कर कमर को सहारा दें। ध्यान रहें कि पूरे शरीर का भार कंधों पर हो। कंधे से कोहनी तक के भाग को फर्श से सटाकर रखें तथा ठोड़ी को चेस्ट से लगाने की कोशिश करें। इस स्थिति में 30 सेकेंड रूके और फिर सांस लेते व छोड़ते हुए सामान्य हो जाए।

मत्स्यासन

मत्स्यासन को Fish Posa Yoga भी कहा जाता है। यह थायराइड में रामबाण की तरह काम करता है। साथ ही सांस व फेफड़े से जुड़े रोग भी कम होते हैं। इसके अलावा इससे गर्दन, छाती व कंधों में खिंचाव महसूस होता है, जिससे इस हिस्से की मांसपेशियां से तनाव कम होता है।

आसन करने का तरीका

पद्मासन स्थिति में बैठकर धीरे-धीरे पीछे झुकें और पूरी तरह पीठ के बल लेट जाएं। फिर बाएं पांव को दाएं हाथ से पकड़े और दाएं पांव को बाएं हाथ से पकड़ें और कोहनियों को जमीन पर टिका रहने दें। इस बात का ध्यान रखें कि आपके घुटने जमीन को न छुएं। इसके बाद आप सांस लेते हुए हाथों की मदद से अपने सिर को पीछे गर्दन की ओर करें। अब धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े। इस अवस्था को अपने हिसाब से मेन्टेन करें। फिर लंबा सांस छोड़ते हुए अपने सामान्य अवस्था में आ जाए।

विपरीत करनी

विपरीत करनी आसन सर्वांगासन की तरह ही है लेकिन यह उसके मुकाबले थोड़ा आसान है। थायराइड मरीजों के लिए भी यह रामबाण है। इसे करने से थायराइड की गतिविधि संतुलित होती है, जिससे आपको राहत मिलती है। साथ ही यग आसान मानसिक तनाव, पैरों में थकान या दर्द, बेहतर रक्त का संचार, अनिंद्रा, गर्दन, कंधे व पीठ दर्द की समस्या को भी दूर करता है।

आसन करने का तरीका

आप दीवार की तरफ मुंह करके बैठ जाएं। अब हाथों का सहारा लेते हुए पीछे की ओर झुके और कूल्हों व पैरों को ऊपर उठाकर सीधे दीवार के साथ सटा लें। बांहों को शरीर से दूर फैला लें और हथेलियां ऊपर की ओर रहें। इस मुद्रा में करीब 5-15 मिनट तक रहें। फिर घुटनों को मोड़ते हुए दाई और घूम जाएं और सामान्य अवस्था में बैठ जाएं।

हलासन

जिन्हें मधुमेह, मोटापा व थायराइड की शिकायत है, उन्हें हलासन जरूर करना चाहिए। जब हम यह आसन करते हैं, तो रक्त का प्रवाह सिर में ज्यादा होने लगता है जिससे न सिर्फ मानसिक तनाव दूर होता है बल्कि झड़ते बालों की समस्या भी दूर होती है।

आसन करने का तरीका

इसे करने के लिए समतल जमीन पर कमर के बल सीधा लेट जाएं। अब दोनों हाथों को जांघों के पास जमीन पर रख दें। फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को सीधा उठाएं। अब हाथों को नीचे की ओर दबाएं और कमर को मोड़ते हुए पैरों को सिर के पीछे हल की तरह लगा दें। फिर बिना सिर उठाए 2-3 मिनट बाद धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थित में आ जाएं।

जानुशीर्षासन

इसे करने से कंधे पेट, कमर, कूल्हों और घुटनो में खिंचाव महसूस होता है और लचीलापन आता है। इस लिहाज से यह थायराइड के लिए फायदेमंद है। इसे करने से शरीर में हार्मोंस का स्तर बैलेंस हो जाता है, जिससे थायराइड में आराम मिलता है। साथ ही यह तनाव और डिप्रेशन की समस्या को भी दूर रखता है।

आसन करने का तरीका

इस आसन को करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं और फिर दाईं टांग को जांघों के बीच फंसा लें। फिर बाएं पैर को सीधा करें और कमर से आगे की तरफ झुकते हुए हाथों से पैर को पकड़ें। इस स्थिति में सामान्य तरीके से सांस अंदर बाहर छोड़ दें। इस स्थिति में 30 सेकेंड रहन के बाद सामान्य हो जाएं। रोजाना यह आसान करने से आपको जल्दी रिजल्ट देखने को मिलेगा।

Content Writer

Anjali Rajput