हम इंसानी कीड़े

punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2025 - 07:01 PM (IST)

नारी डेस्क: महाकुंभ की भीड़ को ड्रोन कैमरे या इसरो और नासा की नजर से जब दुनिया को दिखाया गया तो हम इंसान आसमान से केवल कीड़े मकौड़ों से कम नहीं लग रहे थे। जैसे चींटियाँ और मकोड़े हमारी नजर में इधर-उधर अपनी मंजिल की तलाश में फिरते दिखते हैं ठीक उसी तरह की तस्वीर आसमानी कैमरों ने हमारी भी दिखाई है।

PunjabKesari

यह ठीक है कि हम इन्सानों को कुदरत ने कुछ अधिक शारीरिक और मानसिक योग्यताएँ दे दीं हैं वरना तो हम लोग भी इस प्रकृति के लिए बस जिंदा कीड़ों से अधिक कुछ भी नहीं हैं। शायद यह बात अंदर ही अंदर हम सभी जानते भी हैं पर स्वीकारते नहीं हैं कि हमारी औकात इस प्रकृति के आगे कुछ भी नहीं फिर भी हम इस प्रकृति को अपने बस में करने की जिद में अड़े हैं। जब यही प्रकृति अपना रौद्र रूप धारण करती है तो हम लोगों का जीवन किसी तिनके की तरह बिखर जाता है।

PunjabKesari

इन्सान की यह बात अच्छी है कि वो बाकि जीव जंतुओं से ऊपर उठकर जीवन जीने की सुविधाओं के लिए प्रयत्नशील रहता है। लेकिन उसे प्रकृति का आभारी रहना चाहिए जिसने हमें उत्तम जीवन जीने का सुअवसर दिया है। हमें अपनी प्रकृति के प्रति प्यार और धन्यवाद की भावना रखनी है इससे हमारे जीवन में शांति तो आएगी ही साथ ही साथ हम लोगों को अपने जीवन की इच्छाओं की सीमा का भी ज्ञान बना रहेगा।

लेखिका- चारू नागपाल


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

PRARTHNA SHARMA

Related News

static