Benefits Of Yoga: खुद को रखना हैं हर रोग से मुक्त तो रूटीन में करें ये योगासन

punjabkesari.in Friday, Nov 04, 2022 - 11:32 AM (IST)

जैसा कि आप सब जानते ही हैं और महसूस भी कर रहे हैं कि सर्दियों का मोसम आ चुका है। ऐसे में अपने शरीर को पर्याप्त मात्रा में गर्मी देने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। योग करने से मन, तन और आत्मा तीनों को ही बहुत फायदा मिलते है। ऐसे में जरूरी है कि नियमित रूप से कुछ योग के आसनों का अभ्यास किया जाए ताकि शरीर स्वस्थ रहे। ठंड के कारण बहुत से लोग सुबह की वॉक करना भी बंद कर देते हैं। हालांकि योग आपको दिन भर के लिए सही किक-स्टार्ट दे सकता है। ऐसे में इन सब योगासन को घर पर भी आराम से किया जा सकता है। तो चलिए जानें उन योगासन को करने का तरीका।

बाम भस्त्रिका

बाम भस्त्रिका योग करने से सर्दी, जुकाम में काफी फायदा होता है। इस योग को करने के लिए दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करें और बाई नासिका से तेज गति से सांस लें और छोड़ें। इस प्रक्रिया को दस बार करें। सांस लेते समय आपका पेट अंदर आना चाहिए और जब सांस छोड़ते हैं तब आपका पेट बाहर आना चाहिए। फिर बाईं नासिका की तरफ भी यहीं प्रक्रिया दोहराएं।

वज्रासन

वज्रासन करने के लिए सबसे पहले घुटने टेक कर बैठ जाएं। अब अपनी एड़ी पर अपनी जांघों को सेट करें। अपने हाथों को अपनी जांघों पर रखें और अपनी पीठ को बिल्कुल सीधा रखें। उसके बाद गहरी सांस लें फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें और लगभग 10 मिनट तक इस स्थिति में रहें, फिर आराम से बैठने की स्थिति में लौट आएं।

सुखासन

मानसिक शांति के लिए और थकान दूर करने के लिए नियमित रूप से कम से कम पांच मिनट तक सुखासन का अभ्यास करना चाहिए। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।

त्रिकोणासन

कमर और जांघों के पास का मोटापा कम करने के लिए ये आसन लाभप्रद है। त्रिकोणासन करने से पाचन की समस्या दूर होती है। रोजाना कम से कम दो से तीन मिनट तक इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।

अधोमुख सर्वासन

रोजाना कम से कम तीन से चार मिनट इस आसन का अभ्यास करने से हाथ, पैर, कंधा और सीने की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। अधोमुख सर्वासन का अभ्यास करने से फेफड़ें मजबूत होते हैं और सांस लेते समय फेफड़े अच्छे से खुलते हैं।

बालासन

यह आसन नियमित रूप से करने से कंधों और कमर के दर्द से राहत मिलती है। बालासन की क्रिया रोजाना करने से सांस की समस्या से छुटकारा मिलता ही है साथ ही पाचन की क्रिया भी सही रहती है।

ताड़ासन

ताड़ासन योग की क्रिया को करने से पैरों में मजबूती आती है। इस मुद्रा में कम से कम 12 सेकेंड तक रहते हुए रोजाना दस बार अभ्यास करना चाहिए।

भुजंगासन

इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेटकर हथेली को कंधों के नीचे रखें। सांस लेते हुए और शरीर के अगले हिस्सों को ऊपर की और उठाएं। 10-20 सेकंड्स तक इसी स्थिति में रहें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं। भुजंगासन कई और स्वास्थ्य समस्याओं में लाभदायक माना जाता है।

पवनमुक्तासन

इस योग के लिए पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों पैरों को मिलाते हुए और हथेली को जमीन पर लगाएं। इसके बाद दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती तक लगाएं। फिर अपने दोनों हाथों की उंगलियों को मिलाते हुए घुटने से थोड़ा नीचे होल्ड कर लें। अब पैरों से छाती पर दबाव पड़े तो धीरे-धीरे सांस को अंदर बाहर छोड़ें।

Content Writer

vasudha