पटाखों के बिना बच्चों के साथ यूं मनाएं दिवाली

punjabkesari.in Tuesday, Oct 22, 2019 - 01:13 PM (IST)

दिवाली के त्योहार पर बच्चे बड़ों से भी ज्यादा उत्साहित व खुश दिखते है क्योंकि इस दिन उन्हें नए कपड़ें, मिठाईयों के साथ पटाखें चलाने को मिलते है। वहीं पेरेंट्स भी इस बात से अंजान नहीं है कि पटाखे न केवल हमारे पर्यावरण के लिए बल्कि बच्चों की सेहत के लिए भी काफी हानिकारक होते है। ऐसे में न चाहते हुए आप बच्चों की जिद के आगे झुक कर उन्हें पटाखे ले कर देते है लेकिन इस बार हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे जिसकी मदद से आप असानी से बच्चों को समझा कर पटाखों से दूर रख कर सेफ व हैप्पी दिवाली मना सकते है। 

परिवार के साथ बिताएं समय 

दिवाली की शाम को खास बनाने के लिए पूरा परिवार एक साथ बैठ कर समय व्यतीत करे। सभी मेंबर्स मिलकर अलग- अलग तरह की गेम्स खेलें व डिनर का प्लान करें। आप चाहे तो घर पर बच्चों के फ्रेंडस व अपने दोस्तों को भी बुला सकते है। इससे बच्चे चाह कर भी पटाखे चलाने के बारे में नहीं सोचेगें व खुशी के साथ आपकी शाम भी निकल जाएगी। 

बच्चों से सजवाएं घर 

दिवाली के दिन बड़े मिल कर घर को सजा लेते है जिस कारण बच्चे घर में उदास बैठे रहते है ऐसे में बच्चों को इस बार घर सजाने के कहें। उन्हें बाजार से समान लाने के साथ घर पर भी डेकेरोशन का समान बनाने के लिए बोलें, इसी के साथ उन्हें रिश्तेदारों को देने वाले गिफ्ट भी पैक करने के लिए दें।

लाइटिंग 

इस दिन बच्चों को लाइट व दीयों के साथ पूरे घर पर लाइटिंग करने को कहें। कुछ दिन पहले उन्हें घर पर खुद ही दीये डेकोरेट करने को कहे, फिर उसे उस दिन जलाएं। इससे बच्चों को काफी अच्छा लगेगा। दीये जलने के बाद पूरा परिवार इन दीयों के साथ सेल्फी भी ले सकता हैं। 

उड़ाए पैराशूट 

दिवाली पर पटाखे चलाने की जगह आप बच्चों के साथ मिलकर घर की छत या किसी खुली जगह पर जाकर पैरेशूट उड़ा सकते है। इससे न ही वातावरण प्रदूषित होगा न ही सेहत को किसी तरह का नुकसान होगा।

ग्रीन पटाखे 

इन सब टिप्स के बाद भी अगर बच्चा नहीं मानता है या आप थोड़े बहुत पटाखे लाने चाहते है तो सिंपल पटाखे की जगह ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल कर सकते है। दिवाली से पहले केंद्र सरकार द्वारा इन्हें जारी किया गया है इसमें अनार, पेंसिल, चकरी, फुलझड़ी व सुतली बम शामिल है। सरकार का दावा है कि यह पटाखे सामान्य पटाखों के मुकाबले 30 फीसदी कम प्रदूषण करेंगे। इसी के साथ इनकी आवाज भी कम होगी। जिससे बच्चों व बुजुर्गों को कम हानि होगी लेकिन यह पटाखे भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं। 
 

Content Writer

khushboo aggarwal