टीनएज बच्चों की मनमानी रोकने के लिए इन बातों पर दें ध्यान

punjabkesari.in Wednesday, Aug 29, 2018 - 07:00 PM (IST)

छोटी उम्र में बच्चों को जो सिखाया जाए उम्र भर के लिए उन्हें वे बातें याद रहती हैं। मां-बाप की भी यही कोशिश होती है कि उन्हें वे बच्चों को अच्छी से अच्छी परवरिश दें। जब बच्चे बाहरी दुनिया के संपर्क में आते हैं तो बहाने बनाने के साथ झूठ बोलना भी सीखने लगते हैं। इसके पीछे का कारण है कि टीनएज की कच्ची उम्र में वे समझ नहीं पाते कि क्या सही है और क्या गलत। 


बढ़ते बच्चों को यह समझाना बहुत जरूरी है कि झूठ और व्यवहारिकता के बीच बहुत ज्यादा फर्क होता है। घर के फैमिली सीक्रेट्स और बाहरी लोगों के साथ सामाजिक शिष्टाचार की सीख बच्चों को देना बहुत जरूरी है। यह बातें डांट-डपट कर नहीं बल्कि प्यार से सीखाने में ही समझदारी है। ज्यादा डांटने और बात-बात पर रोक-टोक करने से बच्चे मनमानी करनी शुरू कर देते हैं। अगर 2 जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो बच्चों की सोच में बदलाव किया जा सकता है।

 

टीनएज में लाएं पॉजीटिव बदलाव
बच्चों के झूठ बोलने के जिम्मेदार मां-बाप ही होते हैं। इस बात का समाधान भी पेरेट्स के पास ही होता है। इसके लिए डांट के साथ-साथ अगर उनकी जरूरतें भी पूरी कर दी जाएं तो बच्चे और भी जिद्दी हो जाते हैं। बिना डांट के कुछ खास बातों पर पाबंदी लगाएं। जब बच्चा इसका कारण पूछे तो प्यार से उसकी गलती बताएं। धीरे-धीरे उसके व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो जाएगा।

 

टीनएज स्ट्रेस से बचाव जरूरी
इस उम्र के बच्चों में पढ़ाई और करियर को लेकर बहुत सोच और फिक्र होता है। कई बार ऐसी परेशानियां स्ट्रेस की वजह बन जाती हैं और फिर बच्चे मनमर्जी करने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को कुछ खास बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। 

 

1. सबसे पहले बच्चे को टाइम टेबल के मुताबिक काम करना सीखाएं। जिससे सारे काम समय पर हो जाएंगे और किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं रहेगी। 

 

2. प्राथमिकताओं को पहचानना बहुत जरूरी है। उन्हें बताएं कि जो चीज आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, उस पर ज्यादा ध्यान दें। इसमें आप भी उसकी मदद कर सकते हैं। 

 

3. इंसान से गलती होना स्वभाविक है। कभी भी किसी गलती के लिए बच्चे पर नेगेटिव कमेंट्स न करें। किसी से तुलना करने की बजाए उसे बताएं कि गलती को किस तरीके से सुधारा जाए।

 

4. हर किसी को अपनी इज्जत से बहुत प्यार होता है। कभी भी बच्चे को छोटा समझ कर किसी के सामने उसे डांटने की गलती न करें। इससे बच्चे की भावनाएं आहत हो सकती हैं। 

 

5. इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा चाहे कितना भी बड़ा क्यूं न हो जाए मां-बाप के साथ की उसे हमेशा जरूरत होती है। कभी-कभी समय निकाल कर उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। 

 


 

Content Writer

Priya verma