टीबी में सिर्फ दवा ही नहीं, घरेलू नुस्खे भी आएंगे काम!

punjabkesari.in Sunday, Dec 09, 2018 - 01:01 PM (IST)

टीबी का पूरा नाम ट्यूबरकुल बेसिलाइ है, इसे तपेदिक, क्षय रोग आदि कई नामों से भी जाना जाता है। छूत का यह रोग मायकोइक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के फैलने से होता है। इसका प्रभाव रोगी के फेफड़ों, हडि्डयों, ग्रंथियों तथा आंतों में कहीं भी देखने को मिल सकता है लेकिन फेफड़ों में इसका संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है। 

टीबी के कारण लक्षण

कमजोरी महसूस होना
तेज बुखार
2 हफ्तों तक खांसी रहना
वजन कम होना
सांस लेने में तकलीफ
भूख की कमी

जांच और इलाज जरूरी

यह कोई अनुवांशिक रोग नहीं है लेकिन एक से दूसरे व्यक्ति से इसके फैलने का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि रोगी के खांसने, छीकने से इसके जीवाणु फैल सकते हैं। शुरुआत में टीबी के लक्षणों की पहचान करके जांच और इलाज शुरू कर दिया जाए तो रोगी को जल्दी आराम मिल जाता है क्योंकि इसके बैक्टीरिया इतने सूक्ष्म होते हैं कि एक्स-रे के जरिए ही उनकी पहचान की जा सकती है। 

टीबी का इलाज

इस बीमारी का इलाज बहुत धीमा होता है, रोगी को ठीक होने में कम से कम 8 महीने का या इससे ज्यादा का समय भी लग सकता है। संक्रमित व्यक्ति के आस-पास साफ-सफाई और खान-पान का खास ख्याल रखने के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय भी इसमें फायदेमंद हो सकते हैं। इसका इस्तेमाल डॉक्टरी दवाओं के साथ भी किया जा सकता है लेकिन इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि समय-समय पर दवा का सेवन और डॉक्टरी जांच करवाते रहे। 

घरेलू उपचार से करें कंट्रोल

टीबी को रोगी का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, सही देखभाल से स्थिति जल्द सुधरने लगती है। 

लहसुन

इसके एंटीबैक्टीरियल गुण इंफैक्शन को दूर करने में मददगार हैं। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी लहसुन बेस्ट है। रोजना 1 कप दूध में लहसुन की 2 कलिया डाल कर उबाल लें और इस दूध को पीएं। सुबह खाली पेट 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ 1 लहसुन की कली का सेवन भी कर सकते हैं। 

केला

कैल्शियम से भरपूर केला कफ और बुखार से राहत दिलाने के काम करता है। इससे रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ने लगती है। रोगी को कच्चे केले का जूस पिलाने से फायदा मिलता है। इसके अलावा केले का सेवन करना भी बेस्ट है। 

आंवला

आंवले का सेवन करने से भी टीबी के रोगी को बहुत फायदा मिलता है। खाली पेट आंवले के जूस में 1 चम्मच शहद मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।

संतरा

रोजाना संतरे के एक गिलास जूस में एक चुटकी नमक और शहद मिलाकर पिएं। 

काली मिर्च

काली मिर्च फेफड़ों की सफाई करने में मददगार है। 6 काली मिर्च के दानों को देसी घी में फ्राई कर लें। इसमें चुटकी भर हींग का पाउडर मिक्स करें और इसे तीन भागों में बांट लें। 1-1 घंटे बाद इसके एक-एक भाग को चबाकर खाएं। 

ग्रीन टी

ग्रीन टी टीबी के बेक्टीरिया को खत्म करने का काम करती है। रोजाना 1 या 2 कम ग्रीन टी का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है। 

Content Writer

Priya verma