पित्ताशय की पथरी से निजात पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

punjabkesari.in Monday, Jan 15, 2018 - 07:15 PM (IST)

पित्त की पथरी के घरेलू उपचार  : पित्ताशय की पथरी एक पीड़ादायक बीमारी है, जो अधिकतर लोगों को होती हैं। पित्त की पथरी का निर्माण पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलरुबिन की मात्रा बढ़ जाने पर होता है। पित्ते में पथरी (Gallbladder Stones) होने पर पेट में असहनीय दर्द होने लगता है। रोगी को खाना पचाने में मुश्किल होती हैं। इसके अलावा पेट में भारीपन होने से कई बार उल्टी भी हो सकती हैं। बहुत से लोगों को पित्ते की पथरी के शुरूआती लक्षणों के बारे में भी नहीं पता होता। अगर पता चल भी जाता है तो डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देते हैं, जो बिल्कुल ठीक भी है लेकिन ऑपरेशन का नाम सुनते ही रोगी डर जाता है और अपने इस रोग के प्रति लापरवाही बरतने लगता हैं। अगर आप या आपका कोई संबंधी इस रोग से झूझ रहा है तो ऑपरेशन से पहले कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर देंखे, शायद इनकी मदद से ही पित्ते की पथरी के दर्द से छुटकारा मिल जाए। 

पित्ते की पथरी का इलाज (Home Remedy For Gall Bladder Stone)

 एप्पल साइडर विनेगर


सेब के रस में एप्पल साइडर विनेगर का एक बड़ा चम्मच मिलाकर रोजाना दिन में एक बार खाएं। इसमें मौजूद मेलिक एसिड और विनेगर लीवर को पित्ते में कोलेस्ट्रॉल बनाने से रोकता है। इसी के साथ इसके सेवन से पथरी से होने वाली दर्द भी कम होती है।

नाशपाती

पित्ते की पथरी से परेशान रोगी के लिए नाशपाती बहुत फायदेमंद होता हैं क्योंकि इसमें मौजूद पेक्टिन पित्त की पथरी को बाहर निकालने में मदद करता हैं।

चुकंदर और गाजर का रस


चुकंदर, खीरा और गाजर का रस मिलाकर पीने से पित्ताशय की थैली तो साफ और मजबूत होती ही है साथ ही पथरी से भी आराम मिलता है।

पुदीना


पुदीना पाचन को दुरूस्त तो रखता है। साथ ही इसमें मौजूद टेरपेन नामक प्राकृतिक तत्‍व पित्त में पथरी को घुलाने में भी मदद करता हैं। पित्ते की पथरी के रोगी को पुदीने की चाय बनाकर पिलाएं। काफी फायदा मिलेगा।

इसबगोल


इसबगोल में घुलनशील फाइबर अधिक मात्रा में होता हैं जो कि पित्ते का पथरी के लिए बहुत आवश्यक हैं। इसबगोल फाइबर का अच्‍छा स्रोत होने के कारण पित्त में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है और पथरी को होने से रोकता है। इसलिए रात को सोने से पहले पानी के साथ इसबगोल का सेवन करें।

नींबू रस


नींबू रस लीवर में कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकता है। रोजाना 4 नींबू का रस निकालकर खाली पेट पीएं। इस तरह नींबू रस को हफ्तेभर में लेने से पथरी की समस्या आसानी से दूर होगी।

लाल शिमला मिर्च


लाल शिमला मिर्च में विटामिन सी भरपूर होता है। यह विटामिन पथरी की समस्या में काफी फायदेमंद साबित होता है। इसलिए पित्ते की पथरी के रोगी को अपनी डाइट में शिमला मिर्च जरूर शामिल करनी चाहिए क्योंकि इसमें लगभग 95 मि. ग्रा विटामिन सी होता है।

वाइन


एक रिसर्च में बताया गया है कि वाइन से भी पित्ते की पथरी से निजात पाया जा सकता है। उनके अनुसार 1/2 गिलास वाइन पीने से पित्ते की पथरी को चालीस प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

साबुत अनाज


साबुत अनाज में भी घुलनशील फाइबर्स होते हैं जो कि कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम कर स्वाभाविक रूप से पथरी को बनने से रोकते हैं।

सिंहपर्णी


सिंहपर्णी के पत्ते लीवर का समर्थन, मूत्राशय के कामकाज में सहायता, पित्त उत्सर्जन को बढ़ावा, और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। एक कप पानी में एक बड़ा चम्‍मच सिंहपर्णी के पत्तों को मिलाएं। फिर इसे अवशोषित करने के‍ लिए पांच मिनट के लिए रख दें। अब इसमें 1 चम्‍मच शहद मिलाएं और सेवन करें। ध्यान रह की अगर आप मधुमेह के रोगी है तो इस उपाय को करने से बचें।


इन नुस्खों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सहाल जरूर लें क्योंकि जरूरी नहीं कि जो चीज किसी और को सूट करें वो आपके के लिए भी बेहतर हो।

Content Writer

Anjali Rajput