क्या आपके बच्चों को भी डायपर पहनने पर हो जाते हैं Rashes ? अपना लें ये घरेलू उपाय

punjabkesari.in Saturday, Mar 23, 2024 - 04:30 PM (IST)

बच्चों की स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव होती है। ऐसे में जरा सी भी लापरवाही से उन्हें इंफेक्शन और रैश हो सकते हैं। खासकर के जो बच्चे डायपर पहनते हैं, उन्हें तो ये समस्या सबसे से ज्यादा होती है। लगातार लंबे समय तक डायपर पहनने से बच्चे का निचला हिस्सा गीला और नमी से भरा होता है। वहां पर हवा न जाने से गर्मी की वजह से भी ये समस्या हो सकती है। ऐसे में बच्चों की पेंटी एरिया में लाल रंग के चकत्ते या निशान दिखने लगते हैं। वहीं रैशेज होने पर बच्चों को टॉयलट करने में भी परेशानी और जलन होती है। बाजार से रैशेज वाली केमिकल क्रीम बच्चों की नाजुक त्वचा को और खराब कर सकती है। आप इन घरेलू नुस्खों से बच्चों को रैशेज से छुटकारा दिलवाएं। 

नारियल तेल

अगर बच्चे को रैशेज हो गई हैं तो उन्हें नारियल तेल लगा दें। नारियल के तेल में सैचुरेटेड फैट होता है जो बच्चे की स्किन को मुलायम और मॉइस्चराइज रखता है। इसमें एंटीफंगल, एंटावायरल और एंटीबैक्टीरियल जैसे कई गुण मौजूद है जो स्किन की रैशेज को खत्म करते हैं। स्किन के सूख जाने पर 2-3 बार अच्छे से नारियल तेल से मालिश करें।

दही

अगर बच्चे को रैश हो रहे हैं तो उस जगह पर थोड़ा दही लगा दें। दही में सूजन-रोधी और प्रोबायोटिक होते हैं जो इंफेक्शन को दूर करते हैं। हां, इसका इस्तेमाल तभी करें जब आप शिशु को कोई ठोस आहार दे रहे हैं।

एलोवेरा जेल

एलोवेरा जेल एक बेहतरीन ब्यूटी प्रोडक्ट तो है ही, इसमें मौजूद औषीधिय गुण जलन और सूजन की समस्या से राहत दिलवाते हैं। स्किन को ठंडक मिलती है।आप दिन में 2-3 बार रैशेज वाली जगह पर एलोवेरा जेल लगा लें। इससे रैश पैदा करने वाले बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे।

ओटमील

ओटमील में सैपोनिन नामक यौगिक होता है तो त्वचा से धूल- मिट्टी और ऑयल को हटाता है। इससे सूजन और जलन को आराम मिलता है। आप बच्चे के नहाने वाले पानी में 1 चम्मच सूखा ओटमील डाल दें। इस पानी में 20 मिनट तक बच्चे को रखें और पिर अच्छे से पोंछ दें।

डायपर रैशेज से बचने के टिप्स

- डायपर गीला होने पर बदल दें।
- जब डायपर बदलें तो शिशु को पहले अच्छी तरह से क्लीन कर लें।
- ज्यादा टाइट डायपर न पहनाएं।
- बच्चे को कपड़ों को माइल्ड वॉशिंग पाउडर से धोएं।
- बच्चे की स्किन को तेजी से न रगड़ें।

Content Editor

Charanjeet Kaur