'गोल्डन गर्ल' हिमा दास ने रचा इतिहास, जीत के पीछे है कड़ा संघर्ष
punjabkesari.in Saturday, Jul 14, 2018 - 12:52 PM (IST)
लड़कियां आज किसी भी फील्ड में पीछे नहीं है चाहे राजनीति हो या खेल कूद। अपनी मेहनत से वह हर क्षेत्र में जीत हासिल करके नया इतिहास रच रही हैं। एेसे ही कुछ कर दिखाया है भारत की हिमा दास ने। हिमा ने 12 तारीख यानी की गुरूवार को फिनलैंड के टेम्पेरे में जारी 'आईएएफ वर्ल्ड अंडर 20' में 400 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीतकर वो कर दिखाया है जो आज से पहले कोई भारतीय महिला नहीं कर पाई थी।
गोल्ड जीतने के बाद हिमा ने कहा
हिमा ने राटिना स्टेडियम में महज 51.46 सेकेंड में 400 मीटर रेस को पूरा किया। इसी के साथ वह इस चैंपियनशिप में सभी आयु वर्गो में स्वर्ण जीतने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं। हिमा ने फिनलैंड के टेम्पेरे में अपने प्रदर्शन के बारे में कहा ,‘ मैं पदक के बारे में सोचकर ट्रैक पर नहीं उतरी थी। मैं केवल तेज दौड़ने के बारे में सोच रही थी और मुझे लगता है कि इसी वजह से मैं पदक जीतने में सफल रही।’
चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी है हिमा
भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली हिमा के आर्थिक हालात बहुत खराब है। हिमा असम की रहने वाली हैं। उनके पिता रंजीत दास के पास दो बीघा जमीन है। उनकी मां जुनाली गृहिणी है। हिमा चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। एक बहन दसवीं में पढ़ती हैं, जबकि जुड़वा भाई और बहन तीसरी कक्षा में पढ़ते हैं। हिमा खुद अपने गांव से 1 किलोमीटर दूर स्थित ढींग के कॉलेज में बारहवीं की छात्रा हैं।
2 बीघा जमीन से चलता है परिवार
इस परिवार का गुजारा 2 बीघा छोटी सी जमीन से ही होता है। हिमा और उनके सारे परिवार ने बहुत संघर्ष किया है। कड़ी मेहनत के बाद हिमा को यह मुकाम हासिल हुआ है। हिमा की जीत पर उसके पापा रंजीत सिंह का कहना है , 'वह बहुत जिद्दी है। अगर वह कुछ ठान लेती है, तो फिर किसी की नहीं सुनती। लेकिन वह पूरे धैर्य के साथ यह काम करेगी। वह दमदार लड़की है और इसलिए उसने कुछ खास हासिल किया है। मुझे उम्मीद थी कि वह देश के लिए कुछ विशेष करेगी।’
मां नहीं जानती क्या है 'कॉमनवेल्थ गेम्स'
हैरानी की बात यह है कि हिमा की मां को पता भी नहीं की उनकी बेटी ने क्या कर दिखाया है। जब उनसे पूछा गया कि अब आपकी बेटी कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेगी आपको कैसे लग रहा है। इस बात पर जुनाली ने कहा कि 'कॉमनवेल्थ गेम्स' वह क्या है? क्या आप टीवी पर होंगे? तो यह शायद एक अच्छी बात है। हिमा दास की जीत पर खेलमंत्री राजवर्धन सिंह राठौर ने भी ट्वीट किया है।
Truly a glorious moment for India. Hopefully a moment which will change the way world looks at Indian sprinters. Thank you Hima for giving us a priceless memory to cherish for a lifetime! #HimaDas pic.twitter.com/Yy7aq07ryL
— Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) July 13, 2018