कलयुगी बेटे: एक नेता तो दूसरा अफसर... लेकिन सड़क पर भूखी मर गई मां

punjabkesari.in Wednesday, Aug 19, 2020 - 05:09 PM (IST)

बच्चों के हर मुश्किल से मुश्किल सफर में मां-बाप हमेशा साथ खड़े रहते हैं। मां-बाप अपने बच्चों को पालते हैं ..खुद के सपनों को पीछे रख बच्चों की इच्छाओं को पूरा करते हैं लेकिन मां-बाप बदले में कुछ ज्यादा मांगते नहीं है। उनके साथ अगर बच्चे हंस खेल कर बात कर लें तो उनके लिए यही एक तोहफा हो जाता है लेकिन आज के समय में ऐसे कुछ लोग हैं जो अपने अपने काम में इतने बिजी हैं कि वह अपने माता-पिता को ही भूल जाते हैं। 

ऐसी ही एक दर्दनाक तस्वीर पंजाब के मुक्तसर से सामने आई। जहां 2 बेटों ने अपनी बूढ़ी मां का हाल तक जानने का प्रयास न किया लेकिन फिर भी उस मां ने अपने बेटों से कोई शिकायत नहीं की और सड़क किनारे पड़ी पड़ी इस दुनिया को अलविदा कह गई। बूढ़ी मां के दोनों बेटे अच्छी पोस्ट पर काम कर रहे हैं। एक बेटा सरकारी अफसर है तो वहीं दूसरा नेता है लेकिन इन बेटों ने अपनी मां की सुध तक न ली और इस उम्र के आखिरी पड़ाव में वह मां सड़कों पर ऐसे हालातों में रहने को मजबूर हो गई। 

सड़क पर बेसहारा पड़ी रही मां

दरअसल यह खबर बीते दिनों की है। जहां एक महिला ने बूढ़ी मां को सड़क पर गारे से बनी 2-2 फुट की दीवार के ऊपर पलाई का एक टुकड़ा रख कर पड़ी हुई देखा। ऊंचे पदों पर तैनात बेटों की मां की ऐसी हालत थी कि न ही उसके तन पर पूरे कपड़े थे और न ही उसके पास कोई था। शरीर चीर देने वाली धूप में उस बुजुर्ग मां को वहां देख महिला ने इसकी जानकारी समाज सेवी संस्था सालासर सेवा सोसायटी को दी और फिर पुलिस की सहायता से उसे सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। 

सिर में पड़े हुए थे कीड़े 

उस मां को जब अस्पताल ले जाया गया तो वहां उसका चैकअप किया गया। सूत्रों की मानें तो महिला की हालत इतनी बुरी थी कि अस्पताल पहुंचते ही उसने दम तोड़ दिया इतना ही नहीं महिला के सिर में कीड़े भी पड़ गए थे।

मां की देख-रेख के लिए रखा था आदमी 

मीडिया रिपोर्टस की मानें तो बुजुर्ग महिला की देख रेख के लिए बेटों ने एक व्यक्ति रखा था जिसे वह महीने के कुछ पैसे देते थे लेकिन न ही उस व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी समझी और न ही बेटों ने और इस लापरवाही के कारण आज उनकी मां इस दुनिया को अलविदा कह गई। वहीं इस मामले में डीसी एमके अरविंद कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं।
 

Content Writer

Janvi Bithal