Health Alert! दिल का मरीज बना सकता है नाइट शिफ्ट में काम करना

punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2020 - 05:28 PM (IST)

भारतीय मूल की एक शोधकर्ता ने पाया है कि रात की शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों में नींद की बीमारी और मैटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा काफी बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति में दिल के रोग, स्ट्रोक व डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

 

मेटाबॉलिक सिंड्रोम

शोधकर्ताओं ने पाया गया कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले 9% नर्से मेटाबॉलिक सिंड्रोम का शिकार हो जाती हैं जबकि दिन में काम करने वाली 1.8% नर्सों में यह समस्या होती हैं। वहीं जैसे-जैसे शिफ्ट के काम का वक्त लंबा होता चला जाता है, ये खतरा उतना बढ़ता चला जाता है।

नींद रह जाती है अधूरी

भारतीय मूल की शोधकर्ता और अध्ययन प्रमुख अमरीकी लेखिका कुलकर्णी ने कहा, ' हमारे समाज की सुरक्षा रात की शिफ्ट में काम करने वालों पर भारी निर्भर करती है। रात की शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों को विशेष रुप से नींद की बीमारी और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के विकास का खतरा होता है। अनियमित या घूमने-फिरने वाले काम करने वालों के लिए जोखिम और भी अधिक बढ़ जाता है।' यह अध्ययन 'द जर्नल ऑफ द अमरीकन ओस्टियोपैथिक एसोसिएशन' में प्रकाशित हुआ है।

खाने की आदत पर भी होता है असर

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिफ्ट में काम करने वाले लोग हाई शुगर और सैच्यूरेटेड फैट वाले स्नैक खाना पसंद करते हैं। वे कम प्रोटीन और सब्जियां लेते हैं और भोजन भी छोड़ देते हैं। रोजाना नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों के वक्त-बेवक्त खाना खाने की आदत की वजह से वे अक्सर पाचन तंत्र और पेट से जुड़ी बीमारियों का भी शिकार रहते हैं और दिनभर सिरदर्द, कब्ज, बदहजमी आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बढ़ता है वजन

इसके साथ ही शोध में पाया गया कि रात में कई बार स्नैक्स खाने के कारण वजन बढ़ने लगता है और शरीर के कई हिस्सों में दर्द भी होना लगता है। वहीं नाइट शिफ्ट करने वाले लोगों को एक्सरसाइज का समय भी नहीं मिल पाता, जो वजन बढ़ने का कारण बनता है।

ऐसा बनाएं अपना रूटीन

. दिन में नींद पूरी करें क्योंकि पूरी व बेहतर नींद लेना बहुत जरूरी है।
. अपनी डाइट में हैल्दी चीजें शामिल करें और रात को अनहैल्दी स्नैक्स खाने से बचें।
. डिनर 6-8 बजे तक कर लें और उसके बाद 15 मिनट टहलें भी।
. नाइट शिफ्ट के साथ साथ अपनी एक्सरसाइज पर भी पूरा ध्यान दें। 
. रोशनी के संपर्क में आने से जागे रहना आम बात है इसलिए शोधकर्ताओं ने नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को आस-पास रोशनी बढ़ाने की सलाह दी है।

Content Writer

Anjali Rajput