पिछले 10 सालों में बढ़ी डायबिटीज-कार्डियक केयर दवाइयों की मांग, पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट

punjabkesari.in Monday, Jul 12, 2021 - 01:12 PM (IST)

भारत में बहुत बड़ा वर्ग किसी न किसी बीमारी से जुझ रहा है, जिसके एवज में मरीज कोई ना कोई दवाई जरूर ले रहा है। आपकों यह जानकर हैरानी होगी कि इनमें से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कार्डिएक (हार्ट) के मरीज सबसे ज्यादा है। बतां दें कि देश में कार्डिएक और डायबिटीज के मरीज सबसे अधिक है जिसके कारण इन दवाइयों की बिक्री भी लगातार बढ़ रही है।

पिछले एक दशक में सबसे अधिक बिकने वाली दवां बनी कार्डिएक की दवा-
बतां दें कि पिछले एक दशक में कार्डिएक (हार्ट) दवाएं भारत में सबसे अधिक बिकने वाली दवा चिकित्सा के रूप में उभरी है, जबकि डायबिटीज दवाएं इस अवधि के दौरान भारत में बिकने वाली टाॅप 5 दवाइयों में शामिल है। जानकारी के लिए बतां दें कि मधुमेह-रोधी दवाएं और हार्ट की दवाएं 2011 तक टाॅप पांच बिक्री उपचारों में शामिल नहीं थीं।. जोकि पिछले 10 सालों में ही इस बीमारी में तेजी से वृद्धि आई है।
 

मधुमेह विरोधी दवाएं और हृदय की दवा है मेडिकेशन फाॅर्मा का सबसे बड़ा हिस्सा- 
लगभग 21000 करोड़ रुपए सालाना की दर से, हृदय की दवा आज भारतीयों द्वारा खरीदी जा रही दवाओं की सबसे बड़ा मेडिकेशन फाॅर्मा है। एक दशक पहले, यह अपने आकार का एक तिहाई और बिक्री के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा उपचार था। वहीं, लगभग 16,000 करोड़ रु. में, मधुमेह विरोधी दवा आज देश में बेची जाने वाली दवाओं की चौथा सबसे बड़ा मेडिकेशन फाॅर्म है। 

1991 में, भारत में बेचे जाने वाले प्रमुख पांच उपचारों में शामिल थे ये दवाएं- 
IQVIA द्वारा पिछले तीन दशकों में दवाओं की बिक्री पर प्राप्त किए गए डेटा के अनुसार, हार्ट और डायबिटीज की बीमारियों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। 1991 में, भारत में बेचे जाने वाले प्रमुख पांच उपचारों में Anti-infectives, Vitamins, Gastrointestinal medications, Respiratory and pain medications शामिल थी। जिसके तीन दशक बाद, शीर्ष क्रम कार्डियक, एंटी-इंफेक्टिव, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल, एंटी-डायबिटिक और विटामिन में बदल गया है।

पिछले एक दशक में लोगों के जीवन शैली में आया बदलाव-
विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले एक दशक में लोगों के जीवन शैली में बदलाव आय़ा है जिससे लोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय और गुर्दे की बीमारियों में वृद्धि हुई है। 
 

युवाओं में बढ़ी ये गंभीर बीमारियां- 
महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर एसपी कलंत्री, का कहना है कि भारत में मोटापा आम होता जा रहा है और वहीं तंबाकू और शराब का सेवन बढ़ता जा रहा है।  युवा रोगियों में हार्ट अटैक,  रक्तचाप और मधुमेह जैसी बिमारियां बढ़ गई है। 
 

Content Writer

Anu Malhotra