महिलाओं में बढ़ रहे हैं Heart Attack के मामले, इन 7 तरीकों से करें बचाव

punjabkesari.in Sunday, Feb 03, 2019 - 05:32 PM (IST)

हार्ट अटैक कब और किसे आ जाए इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन इससे बचाव जरूर किया जा सकता है। हाल ही में हुए शोध के अनुसार, कुछ आसान तरीके अपनाकर हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जाता है। दिल का दौरा एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है। अगर सही समय पर इलाज ना मिले तो इसके कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती हैं। ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हार्ट अटैक के खतरे से बचें।

 

महिलाओं में बढ़ता हार्ट अटैक का खतरा

दिल की बीमारियां लोगों में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिसके पीछे की सबसे बड़ी वजह खराब जीवनशैली है। दिल की बीमारियां होने से ही हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि अगर किसी व्यक्ति का दिल कमजोर हो तो उसे भी हार्ट अटैक आ सकता है। खराब लाइफस्टाइल के चलते आजकल 30 से 35 साल की उम्र में भी हार्ट अटैक के मरीज सामने आ रहे हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। आमतौर पर माना जाता है कि हार्ट सिर्फ पुरूषों को ही अटैक आता है जबकि यह पूरी तरह गलत है। शोध में बताया गया है कि आज के समय में महिलाए भी इसका शिकार हो रही हैं।

बचाव के तरीके
गुस्‍सा करने से बचें

अध्‍ययन के अनुसार, ज्यादा गुस्सा करना हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। साथ ही इससे ब्‍लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप मन को शांत रखे। आप चाहे तो गुस्सा कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज या रिलैक्सेशन तकनीक का अभ्‍यास कर सकते हैं।

 

नींद है जरूरी 

वैज्ञानिकों का कहना है कि 7 घंटे से कम की नींद स्‍ट्रोक के जोखिम को 63% तक बढ़ा देती है। इसके अलावा नींद की समस्‍याए जैसे खर्राटे भीसे भी हृदय रोग, डायटबिटीज और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में कोशिश करें कि आप रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।

नियमित वॉक भी है जरूरी

रोजाना 20 मिनट वॉक करने से आपको स्‍ट्रोक को रोकने में मदद मिलती है। 40,00 महिलाओं पर किए गए शोध में साबित हुआ है कि रोजना सैर करने से हार्ट अटैक का खतरा 30% तक कम रहता है। वहीं ब्रिस्क वॉकिंग करने से इसकी संभावना 40% तक कम होती है।
    

माइग्रेन से पाएं छुटकारा

जी हां, माइग्रेन भी अटैक के जोखिम को बढ़ावा देता है। ऐसे में अगर आपको लगातार माइग्रेन का दर्द हो रहा है तो डॉक्टर से चेकअप करवाएं। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि माइग्रेन के इलाज से स्ट्रोक का खतरा कम होता है या नहीं। माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप मेडिटेशन और योग कर सकते हैं।

 

डिप्रेशन से रहें दूर

80,000 महिलाओं पर हुए शोध के अनुसार, स्वस्थ लोगों के मुकाबले डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों में हार्ट अटैक की संभावना 29% तक ज्यादा होती है। इतना ही नहीं, डिप्रेशन हाई ब्‍लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा भ बढ़ा देता है। ऐसे में जरूरी है कि आप डिप्रेशन से दूर रहें।

हार्ट बीट को ना करें नजरअंदाज

हार्ट बीट तेज होना, सांस की तकलीफ, चेस्‍ट में पेन, माइग्रेन जैसे लक्षण असामान्‍य दिल की धड़कन का इशारा है, जो अटैक के खतरे को पांच गुना बढ़ा देती है। ऐसे में जरूर है कि आप दिल की धड़कन को सामान्‍य रखने की कोशिश करें। अगर किसी तरह की परेशानी हो तो गहरी सांस ले और दिमाग को शांत करें। साथ ही तुरंत मेडिकल हेल्प भी बुला लें।

 

जैतून तेल का इस्‍तेमाल

जैतून का तेल न केवल दिल को दौरे को रोकता है बल्कि इससे अन्य बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है। अध्‍ययन के अनुसार, जो लोग नियमित जैतून के तेल का इस्तेमाल करते हैं उनमें स्ट्रोक का खतरा 40% तक कम रहता है। अगर आप भी स्वस्थ रहना चाहते हैं तो नियमित इसका सेवन करें।

इन बातों का भी रखें ध्यान

35-40 की उम्र में किसी भी तरह का हार्ट डिजीज होने पर रेगुलर चेकअप करवाते रहें।
डाइट पर कंट्रोल रखें और लो फैट फूड्स का सेवन करें।
तंबाकू, धूम्रपान और अल्कोहल जैसी चीजों का सेवन न करें।
दिल पर दबाव ना डालें, नियमित और उचित व्यायाम करें।
कॉलेस्ट्रॉल का ध्यान रखें क्योंकि ज्यादा कॉलेस्ट्रॉल से दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
सीने में हल्की सी भी बेचैनी, पसीना और सांस का टूटना बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें और तुंरत मेडिकल हेल्प लें।

 

Content Writer

Anjali Rajput