Hanuman जी ने तोड़ा था भीम का घमंड! 10 हजारों हाथियों की ताकत वाले बाहुबली हुए थे नतमस्तक

punjabkesari.in Monday, Jun 05, 2023 - 05:07 PM (IST)

सफलता या ताकतवर होने पर आजकल कई सारे लोग घमंडी हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता पर यकीन मानिए ये ही चीज उन्हें बर्बाद कर देती है। सफलता ऐसे व्यक्ति को ही मिलती है दो स्वभाव का सरल हो और हमेशा आगे बढ़कर दूसरों की मदद करे। इस बात की सीख आपको भगवान हनुमान और भीम से जुड़ी द्वापर युग की इस कहानी से लेनी चाहिए।

हनुमान जी और भीम की कहानी

इस कहानी के अनुसार द्वापर युग के समय जब पांडव वनवास काट रहे थे तो उत्तर दिशा में गंधमादन पर्वत के पास ठहरे थे। एक दिन द्रौपदी ने भीम को सुगंधित फूल लाने की बात कही। भीम, द्रौपदी की इच्छा पूरी करने के लिए फूल लाने के लिए चले गए। लेकिन मार्ग में भीम को एक वृद्ध वानर नजर आया जो अपनी पूंछ बिछाए मार्ग में लेटा हुआ था। भीम बहुत ही ताकतवर था। कहा जाता है कि वो 10 हजारों हाथियों की बराबर की ताकत रखते थे और उन्हें अपनी ताकत पर बहुत ज्यादा घमंड था। अहंकार में झुबे भीम ने वृद्ध वानर से कहा कि वह अपनी पूंछ मार्ग से हटा ले। लेकिन वानर ने भीम को पूंछ लांघकर चले जाने के लिए कह दिया।

भीम ने भी अहंकार दिखाते हुए ऐसा करने से मना कर दिया। इस पर वृद्ध वानर ने कहा कि आप स्वयं मेरी पूंछ हटा दें। भीम बहुत ताकतवर था, लेकिन जब उसने वृद्ध वानर की पूंछ हटाने की कोशिश की तो पूंछ टस से मस नहीं हुई। भीम ने बहुत कोशिश की लेकिन पूंछ हिली भी नहीं। इसके बाद भीम को आभास हो गया कि यह कोई साधारण वानर नहीं हो सकता है। भीम ने वानर के समक्ष हाथ जोड़कर कहा, कृपया आप अपना वास्तविक परिचय दें, आप कौन हैं?

तब हनुमान जी ने भीम को अपने वास्तविक रूप में दर्शन दिए और हनुमान जी ने भीम से कहा, आप पूंछ हटाने में सफल इसलिए नहीं हुए क्योंकि बल के साथ विनम्रता होनी चाहिए, अहंकार नहीं। इस कथा में हमें ये सीख मिलती है कि अहंकार से बचेंगे तो हर कार्य में सफलता जरूर मिलेगी। अहंकारी व्यक्ति को बर्बाद होने में जरा भी समय नहीं लगेगा।

 

Content Editor

Charanjeet Kaur