'मैं आपके लिए अपनी जान' ...न्यूजीलैंड की सबसे युवा सांसद के जोरदार भाषण ने खड़े किए सभी के रोंगटे

punjabkesari.in Monday, Mar 18, 2024 - 12:34 PM (IST)

राजनीति में जहां युवा महिलाओं का बेहद ही कम योगदान देखने को मिला है , वहीं न्यूजीलैंड में हाना रावहिती मैपी क्लार्क ने 21 साल की उम्र में सबसे युवा संसाद बनकर इतिहास रचा दिया है। आपको बता दें ऐसा न्यूजीलैंड के इतिहास में 170 साल बाद हुआ है। सोशल मीडिया पर इनका भाषण खूब वायरल हो रहा है। दरअसल, हाना ने सांसद में चुने जाने के बाद दिसंबर 2023 में पहला भाषण माओरी भाषा में दिया था। इसके साथ ही उन्होंने माओरी संस्कृति का डांस 'हाका' परफॉर्म करते हुए अपने मुद्दे उठाए। बता दें, 'हाका' एक युद्धगीत(war cry) है, जिसे पूरी भावनओं और ताकत के साथ प्रस्तुत किया जाता है।  

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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हाना ने दिया संसद में रोंगटे खड़े करने वाला भाषण

अपने जोरदार भाषण में उन्होंने कहा, 'मैं आपके लिए अपनी जान तक दे दूंगी... लेकिन मैं आपके लिए जिंदा भी रहूंगी। मैं अपना संसद के बाहर दिया गया भाषण अपने दादा- दादी को समर्पित करती हूं। हालांकि आज का ये ताजा भाषण अपने बच्चों को समर्पित करती हूं।' न्यूजीलैंड में एओटेरोवा से चुनी गई हाना साल 1853 के बाद पहली बार सबसे युवा सांसद बनी है। हाना पिछले साल अक्टूबर महीने में न्यूजीलैंड की संसद चुनी गई थीं। नानाइया महूता को हराकर उन्होंने सीट अपने नाम की थी। इससे पहले साल 2008 से लगातार नानाइया ही इस सीट से जीत रही थी। 

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माओरी संस्कृति को बचाने में जुटी हैं हाना

न्यूजीलैंड की लोकल मीडिया की मानें तो हाना यहां के मूल निवासियों के अधिकार और संस्कृति को बचाए रखने के लिए आवाज उठा रही हैं। हाना के पिता तैतिमू मैपी माओरी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और वह नगा तमातोआ ग्रुप से जुड़े हैं। हाना न्यूजीलैंड के ऑकलैंड और हैमिल्टन शहरों के बीच में स्थिति एक छोटे सा कस्बा हंटले की रहने वाली हैं। यहां पर माओरी समुदाय के बच्चों के लिए गार्डेन चलाती हैं। वो खुद को राजनेता न मानकर माओरी संस्कृति की रक्षक मनाती है। वो चाहती हैं कि माओरी की नई पीढ़ी की आवाज भी सुनी जाए।

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क्या है माओरी संस्कृति का 'हाका' डांस?

बता दें 'हाका' डांस आने वाली जनजातियों का स्वागत करने का का एक पारंपरिक तरीका है, लेकिन ये युद्ध में जाते समय योद्धाओं को उत्साहित करने का भी काम करता है। ये न सिर्फ शारीरिक बल का प्रदर्शन है, बल्कि मेओरी संस्कृति के लोगों के लिए शक्ति और एकता का प्रतीक भी है।


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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