गलत दिशा में रखा अनाज छीन सकता है आपके घर की बरकत, समय रहते करें सुधार

punjabkesari.in Thursday, Jun 15, 2023 - 04:55 PM (IST)

वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में अहम रोल है। इसके जरिए ही हम घर का माहौल खुशनुमा बना सकते है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। बता दें कि वास्तु में घर के हर कमरे से लेकर कोने-कोने के लिए जरूरी बातें बताई गई हैं। फिर चाहे वह घर का मुख्‍य द्वार हो या किचन हो। लेकिन आज हम बात करेंगे अनाज की। क्योंकि गर्मियों में कुछ लोग सालभर का अनाज ले आते है जिसे वह गलत दिशा में रख देते है। तो चलिए जानते है वास्तु का उनके बारे में क्या कहना है। 

पूर्व दिशा में न रखें अनाज 

वैसे तो ज्यादातर लोग पूर्व दिशा में ही अनाज को रखते है। इस दिशा को वास्तु शास्त्र में सबसे उत्तम माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिश में जो भी कार्य किया जाता है वह सफलता पूर्वक होता है। लेकिन क्या आप जानते है पूर्व दिशा में रखा अनाज घर की बरकत में बाधा भी बन सकता है। ऐसा हम नहीं वास्तु का कहना है। इसके पीछे का कारण है इस दिशा का ग्रह स्वामी। वास्तु का कहना है कि पूर्व दिशा सूर्य ग्रह की है। उनका कहना है कि सूर्य ग्रह की दिशा में अनाज का व्यय अधिक होता है। सूर्य का ताप अनाज को नष्ट करता है। ऐसे में घर में अनाज का भंडार जल्दी-जल्दी खाली होता है। इस दिशा में खर्च बढ़ाता है।


इन दिशाओं में अनाज रखना अशुभ

वास्तु शास्त्र के मुताबिक अगर आपने साल भर का अनाज एक साथ खरीद लिया है तो उसे भूलकर भी पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण न रखे। क्योंकि ऐसी मानयता है कि इस दिशा में अनाज रखने से आपका वैवाहिक जीवन तनावग्रस्त रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य के साथ शुक्र रहते हैं जो विवाह के कारक माने जाते है। ऐसे में इस दिशा में रखे अनाज का आप सेवन करते है तो आपके मांगलिक कार्यों में रुकावट से साथ बुद्धि कमजोर हो सकती है। 

इस दिशा में रखे अनाज का 

घर का अनाज के रखने के लिए सही जगह का चयन करना बहुत जरूरी है। आगर आप वास्तु शास्त्र के नियम के अनुसार अनाज रखने का चयन करते है  तो आपके घर में अन्न और धन से जुड़ी कोई भी परेशानी नहीं होगी। बता दें कि उत्तर-पश्चिम दिशा यानी वायव्य कोण में अनाज को रखते है तो घर में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होगी। वास्तु का कहना हैं कि खाने-पीने की जिस भी चीज को लंबे वक्त के लिए स्टोर करना है उसे नैत्रत्य कोण यानी कमरे के दक्षिण-पश्चिम के मध्य स्थान में रखना शुभ माना जाता है। 

अस्वीकरण : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि पंजाब केसरी किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

 

 

 

 

 

Content Writer

Kirti