गठिया मरीज 3 चीजें छोड़ें और 4 चीजें जरूर खाएं, सर्दियों में नहीं होंगे जोड़-दर्द

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2024 - 03:28 PM (IST)

नारी डेस्कः गठिए (Gout) यानि हड्डियों से जुड़ी समस्या। इसमें व्यक्ति को जोड़ों में असहनीय दर्द होता है और हड्डियों में टेढ़ापन होना शुरू हो जाता है। यह यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाने के चलते भी हो सकती है। अगर आपको कई दिनों तक जोड़ दर्द की समस्या है और दर्द सही होने की बजाए बढ़ रहा है तो गौर करने की जरूरत है। ठंड के मौसम में गठिए के मरीज ज्यादा परेशानी झेलते हैं। इससे शरीर में सूजन भी आ सकती है जिससे उठने, बैठने और चलने की दिक्कत बढ़ सकती है। पैर के अंगूठे में लालगी, सूजन एवं दर्द होना,जोड़ो में दर्द, जकड़न होती है। गठिया के भी कई प्रकार होते हैं लेकिन सामान्य रूप से इसका असर हड्डियों और जोड़ों पर इस प्रकार होता है। 

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1. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)

यह गठिया की सबसे आम प्रकार है। इसमें जोड़ों के बीच की कार्टिलेज (हड्डियों के बीच गद्देदार ऊतक) टूटने लगती है जब कार्टिलेज को हानि पहुंचती है तो होने पर हड्डियां एक-दूसरे से रगड़ने लगती हैं, जिससे दर्द, सूजन और जकड़न होती है। हड्डियां आपस में रगड़ने के कारण असामान्य वृद्धि हो सकती है और हड्डियां असामान्य आकार लेने लगती हैं।

2. रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)

यह एक ऑटो-इम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, हड्डियों और जोड़ों पर हमला करती है। इससे जोड़ों में सूजन व दर्द होता है। लंबे समय तक सूजन बने रहने पर हड्डियां गलने लगती हैं, जिससे जोड़ का आकार बदल जाता है और जोड़ों की स्थिरता और कार्यक्षमता प्रभावित होती है।

3. गाउट (Gout)

गाउट की समस्या यूरिक एसिड के चलते होती है। यूरिक एसिड क्रिस्टल्स के रूप में हड्डियों और जोड़ों के बीच जमा हो जाते हैं। इससे जोड़ों में तेज दर्द, सूजन होने लगती है। लंबे समय तक इलाज न होने पर हड्डियों को नुकसान पहुंचना शुरू हो सकता है।

4. एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis)

यह एक प्रकार का गठिया है जो रीढ़ की हड्डियों को प्रभावित करता है। इससे रीढ़ की हड्डियां एक साथ जुड़ने लगती हैं, जिससे फ्लैक्सिबिलिटी कम होने लगती है।धीरे-धीरे, हड्डियां एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं और हड्डियों का विकास असामान्य हो जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी की गति कम हो जाती है।

5. हड्डियों में कैल्शियम की कमी

गठिया की वजह से हड्डियों में धीरे-धीरे कैल्शियम की कमी हो जाती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियों में दरारें पड़ सकती हैं, हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है, जिससे वे आसानी से टूट सकती हैं।

6. हड्डियों का क्षय (Bone Erosion)

रूमेटॉइड आर्थराइटिस के चलते, हड्डियों में सूजन रहती है जिससे हड्डियों का क्षरण (erosion) शुरू हो जाता है। यह क्षय धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और हड्डियों को कमजोर कर देता है। हड्डियां पतली और नाजुक हो जाती हैं, जिससे वे कमजोर और अस्थिर हो जाती हैं। गठिया के इन प्रभावों से बचने के लिए शुरुआती उपचार और उचित देखभाल जरूरी है। दर्द, सूजन और हड्डियों के क्षरण को कम करने के लिए सही आहार, नियमित व्यायाम, और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपचार का पालन करना चाहिए।

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गठिए के मरीज सर्दियों में जरूर खाएं 4 चीजें | Gathiya Rog ka Ilaj| Home Remedies for Arthritis

ऐसे लोगों को सर्दी के मौसम में अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है क्योंकि गठिए की समस्या सर्दी के मौसम में ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आप गठिए या फिर जोड़ दर्द के मरीज हैं तो ये 4 चीजें सर्दी में खाते रहें।

लहसुन

लहसुन खाना सेहत के लिए वैसे भी फायदेमंद है वहीं जिन लोगों को गाउट यानि गठिए की परेशानी है उन्हें तो रोज लहसुन का सेवन करना चाहिए। लहसुन को अपनी रोजमर्रा की रुटीन में शामिल करें इससे यूरिक एसिड की समस्या कम होगी। आप दिन में तीन-चार कलियां रोजाना खा सकते हैं। आप दूध में लहसुन की कुछ कलियां उबालकर भी खा सकते हैं। वहीं लहसुन का आचार, लहसुन को सब्जी के रूप में भी खा सकते हैं। 

अदरक

लहसुन के साथ-साथ गठिए के मरीज अदरक का भी सेवन करते रहे। अदरक सिर्फ गठिए ही नहीं बल्कि कई गंभीर बीमारियों को ठीक करता है। अदरक के सेवन से प्रोस्टाग्लैंडीन का स्तर कम होने में काफी ज्यादा मदद मिलती है। यह जोड़ दर्द व सूजन की समस्या दूर हो जाती है।

हल्दी

हल्दी में कई तरह के औषधीए गुण पाए जाते हैं। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक तत्व पाया जाता है जो अनेकों बीमारियों को दूर रखता है। हल्दी के सेवन से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है इसलिए सब्जी में हल्दी का सेवन करें या हल्दी वाला दूध जरूर पीएं।

मुलेठी

मुलेठी भी कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स से भी बचाती है। यह गठिया मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। मुलेठी की चाय पी जा सकती है या मुलेठी को मुंह में रखकर इसका रस पीएं। 

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गठिया में चावल खा सकते हैं?  Foods to Avoid for Arthritis Pain 

गठिए की समस्या में चावल का सेवन ना करें। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट को पचाने से साइटोकिन्स का स्राव बढ़ सकता है जिससे शरीर में सूजन बढ़ सकती है। गठिया की सूजन को कम करने के  लिए रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की जगह साबुत अनाज, ओट्स या ब्राउन राइस जैसे पौष्टिक कॉम्प्लेक्स कार्ब्स खा सकते हैं। 

गठिया में आलू खा सकते हैं?

अगर आपको गठिया की दिक्कत है तो आलू से परहेज करें और आलू की जगह सब्जियों का सेवन करें। आप एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ब्रोकली, पालक, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और केल खा सकते हैं। गर्म तासीर वाली सब्जियों का सेवन करें।

क्या बैंगन गठिया के लिए अच्छा है?

बैंगन में सोलनिन नामक यौगिक पाया जाता है। इसके अधिक सेवन से सोलनिन बढ़ सकता है जिससे गठिया के लक्षण जैसे सूजन, दर्द और जोड़ों में अकड़न हो सकती है। इसलिए आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि गठिया से पीड़ित लोगों को बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। बैंगन के अलावा शिमला मिर्च, टमाटर और आलू सभी नाइटशेड परिवार के सदस्य हैं। इन सब्जियों में सोलनिन नामक रसायन होता है, जिसके बारे में कुछ लोगों का दावा है कि यह गठिया के दर्द और सूजन को बढ़ाता है हालांकि इस मामले में आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। 

गठिया को जड़ से खत्म करने का आयुर्वेदिक नुस्खा | Gathiya Ka Ayurvedic Upay

आयुर्वेदिक में गठिया को जड़ से खत्म करने के लिए अश्वगंधा का सेवन भी काफी फायदेमंद माना गया है जिन लोगों को यह समस्या बहुत ज्यादा है वह फिजियोथेरेपी करवाएं। गर्दन की राहत के लिए सिर झुका हुआ, गर्दन घुमाना जैसी एक्सरसाइज करते रहे।

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गठिया मरीज क्या खाएं? |Gathiya Me Kya Khayein

1. गठिया रोगी सेब जरूर खाएं।
2. भरपूर पानी पीएं। दिन में 3 लीटर पानी तो जरूर पीएं।
3. ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए मछली खाएं।
4. विटामिन सी युक्त फल जैसे मौसमी, केला, संतरा, अनानास, कीवी, नींबू, बैरीज खाएं। केला, खाना फायदेमंद है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं और पोटेशियम हड्डियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
5. ब्रोकोली, पालक, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, केल जैसी हरी, पत्तेदार सब्जियां खाएं। इनमें विटामिन ए, सी और के जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं जो कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाती हैं।
6.अगर किसी को रूमटाइड आर्थराइटिस है तो उनके लिए अंगूर का सेवन फायदेमंद हो सकता है। एक शोध के अनुसार अंगूर के अर्क में प्रोएंथोसाइनिडिन (proanthocyanidin) नामक तत्व होता है जिसमें एंटीऑक्सीडेन्ट और एंटीइंफ्लेमेट्रीप प्रोपर्टीज होती है जो सूजन कम करने और हड्डियों के नुकसान को रोकने में मदद करती हैं।

गठिया मरीज क्या नहीं खाएं?|Gathiya Mein Kya Na Khayein

ज्यादा ठंडी चीजें खाने से परहेज करें।
मैदे से बनी चीजें ना खाएं।
कैफीन-शराब का इस्तेमाल ना करें।
ज्यादा नमक-चीनी और डीप फ्राई चीजें खाने से बचें। 
शराब का सेवन करें। 

नोटः हैल्दी लाइफस्टाइल और हैल्दी डाइट खाने के बावजूद भी अगर जोड़ों का दर्द ठीक नहीं हो रहा तो डाक्टरी जांच जरूर करवाएं।


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Content Writer

Vandana

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