डूडल बनाकर गूगल ने मनाया अमृता प्रीतम का 100 वां जन्मदिन

punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2019 - 01:54 PM (IST)

अमृता प्रीतम यह अपने आप में एक ऐसी शख्सियत है जो कि किसी पहचान की मोहताज नही हैं। यह ने केवल एक कवियित्री बल्कि उपन्यासकार, निबंधकार भी थी। जिनका जन्म 31 अगस्त 1919 में गुजरांवाला पंजाब ( जो कि अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। आज पूरी दुनिया ही नहीं गुगल भी इनका 100 जन्मदिन मना रहा हैं। गूगल ने अमृता प्रीतम का बहुत ही सुंदर डूडल बनाया है, जिसमें एक लड़की सलवार सूट पहन कर सिर पर दुपट्टा लेकर कुछ लिख रही हैं। अमृता प्रीतम न केवल अपनी रचनाओं के लिए बल्कि अपने प्यार के लिए भी बहुत मशहूर है।

PunjabKesari,Google Doodle, Amrita Pritam, 100th Birth Anniversary, Nari

11 साल शुरु किया था लिखना 

अमृता प्रीतम ने किशोरावस्था से ही पंजाबी में कविता, कहानी व निबंध लिखने शुरु कर दिए थे। 11 साल की उम्र में ही मां का आंचल छूट जाने के कारण सारी जिम्मेदारी का भार उनके कंधों पर आ गया था। 

16 साल में छपी पहली पुस्तक व हुई थी शादी

अमृता प्रीतम जहां एक तरफ अपनी रचनाओं के लिए जानी जाती हैं वहीं 16 साल की उम्र में ही उनका पहला संकलन प्रकाशित हो गया था। इतना ही नही इसी साल उनकी शादी एक संपादक से हुई थी। अपनी पुस्तक में उन्होंने 1947 में हुए विभाजन के दर्द को बहुत ही करीब से महसूस कर ब्यान किया था। इसके बाद इनका परिवार दिल्ली आकर बस गया था, जिसके बाद उन्होंने पंजाबी के साथ हिंदी में लिखना भी शुरु कर दिया था। इतना ही नही अपनी शादी को वह इतना संभाल नही पाई, उन्हें इस शादी में टिके रहना काफी मुश्किल लग रहा था। इसलिए 1960 में उन्होंने तलाक ले लिया था। 

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मिल चुके है यह पुरस्कार

अमृता जी को राष्ट्रीय ही नही कई अंतर राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। 1956 में साहित्य अकादमी, 1958 में पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा पुरस्कार, 1988 में बल्गारिया वैरोव पुरस्कार, 1982 में भारत के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार मिल चुका हैं। इतना ही नही वह पहली पंजाबी महिला था जिसे 1969 में पद्मश्री पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही दिल्ली यूनिवर्सिटी, विश्व भारती शांतिनिकेतन  व जबलपुर यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ लिटरेचर,  बुल्गारिया से बल्गारिया वैरोव पुरस्करा, फ्रांस सरकार द्वारा सम्मान, पद्म विभूषण पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

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साहिर लुधयानवी से थी मोहब्बत

प्रेम को गहराई से समझने वाली अमृता प्रीतम को मशहूर शायर व हिंदी फिल्मों के गीतकार साहिर लुधयानवी से मोहब्बत हो गई थी। उन्हें साहिर से इतनी मोहब्बत थी कि उन्होंने अपनी आत्मकथा रसीदी टिकट में लिखा  है कि एक बार उनके बेटे ने उनसे पूछा कि, ' मां क्या मैं साहिर का बेटा हूं?' इस पर अमृता ने जवाब दिया, ' काश तुम साहिर के बेटे होते '। 

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2005 में दुनिया को कहा अलविदा

लंबी बीमारी के चलते 86 साल में अमृता प्रीतम ने 31 अक्टूबर 2005 में इस दुनिया को अलविदा बोल दिया था। इस समय वह दिल्ली के हौज खाल इलाके में रहती थी। लेकिन उनकी कविताएं व लेखन अभी भी हमारे बीच में जीवित हैं।

 

 


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Content Writer

khushboo aggarwal

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