औरत बनी औरत का सहारा, मालकिन ने उठाई कामावाली की बेटी की पढ़ाई की जिम्मेदारी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 21, 2020 - 03:49 PM (IST)

मेहनत के आगे हर हालात को झुकना पड़ता है। मेहनत से वक्त और अपनी किस्मत दोनों बदली जा सकती है। वो कहते हैं न , ' कर्म करते जा फल की चिंता मत कर, ' । बस ऐसी ही एक लड़की की कहानी आज हम बताने जा रहे हैं जिसने अपनी मेहनत से अपने हालातों को बदल डाला।

हम बात कर रहे हैं भीलवाड़ा के रहने वाली संतोष की ..वो लड़की जो अपनी मां के साथ पहले सभी घरों में झाड़ू पोछा करने जाती है और फिर आ कर पढ़ती है लेकिन अपनी मेहनत और लगन से संतोष ने 10वीं क्लास में 75 प्रतिशत हासिल किए और 11वीं में भी 72 प्रतिशत अंक लाने में सफल रहीं।

लोगों के घरों में काम करती है संतोष

संतोष अपनी मां के साथ घरों में झाड़ू पोछा करने जाती है । करीब 10 साल पहले संतोष की मां उसे अपने साथ काम पर ले जाने लगी ताकि आर्थिक तंगी से निकला जा सके। संतोष अपनी मां के साथ जिस घर में काम करने जाती थी उसी महिला ने संतोष को एक नई राह दिखाई। शास्त्री नगर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में जब संतोष अपनी मां के साथ मनीषा जाजू के घर झाड़ू-पोछा करने लगी तो मनीषा संतोष की पढ़ाई के प्रति लगन को देखकर दंग रह गई जिसके बाद मनीषा संतोष की मदद के लिए आगे आई और उसकी पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी उठाई। संतोष का सपना कलेक्टर बनने का हैं।

पिता ने करवा लिया दूसरा विवाह

वहीं संतोष की मां पार्वती की जिंदगी भी बेहद मुश्किल है। उनके पति ने दूसरा विवाह कर लिया है और कभी अपने बच्चों की तरफ पीछे मुड़ कर नहीं देखा। दोनों मां बेटी लोगों के घरों में काम करके अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही हैं।

मनीषा जाजू बनी संतोष के लिए मसीहा

संतोष अपनी पढ़ाई का सारा खर्च उठाने वाली मनीषा को अपनी मां की तरह मानती है। संतोष की मां के अनुसार वो तो जन्म से उसकी मां है लेकिन बाकी जो भी किया है वो मनीषा ने ही किया है वहीं मनीषा के अनुसार वो संतोष का कलेक्टर बनने का सपना जरूर पूरा करेंगी।

मनीषा ने संतोष का बाल विवाह रूकवाया

इतना ही नहीं मनीषा ने हर मुश्किल में संतोष का साथ दिया और उसका बाल विवाह होने से भी रूकवाया और संतोष की एडमिशन स्कूल में करवाई और उसे पढ़ने के लिए प्रेरित किया। हम संतोष के इस ज्जबे को सलाम करते हैं और साथ ही मनीषा को भी सलाम करते हैं कि वे एक बेटी के लिए आगे आईं।

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Content Writer

Janvi Bithal