Garuda Purana: गरुड़ पुराण के अनुसार इन 5 लोगों के घर भूलकर भी न करें भोजन, पाप के राहगीर बन सकते हैं आप
punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 12:28 PM (IST)
नारी डेस्क: गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। यह 18 महापुराणों में शामिल है और भगवान विष्णु द्वारा जीवन, मृत्यु, स्वर्ग, नरक और पाप-पुण्य के कर्मों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके आचारखंड में कुछ ऐसे लोगों के बारे में जानकारी दी गई है, जिनके घर पर भोजन करने से व्यक्ति पाप के भोगी बन सकता है। आइए जानते हैं कौन हैं ये 5 लोग और क्यों उनके घर भोजन करना माना जाता है हानिकारक।
साहूकार या सूदखोर व्यक्ति के घर
गरुड़ पुराण के अनुसार, साहूकार या सूदखोर व्यक्ति के घर पर भोजन नहीं करना चाहिए। कारण यह है कि ये लोग दूसरों की मजबूरी और कठिनाई का फायदा उठाते हैं। असहाय और जरूरतमंद लोगों से ये भारी ब्याज लेकर धन कमाते हैं। ऐसे घर पर भोजन करना पाप के समान माना गया है, क्योंकि आप उनके ऐसे कमाए हुए धन का हिस्सा अपने द्वारा उपयोग कर रहे होते हैं। इसलिए इन लोगों के घर पर भोजन करने से बचना चाहिए।
क्रोधी व्यक्ति के घर
जो व्यक्ति हमेशा गुस्से में रहता है, दूसरों का अनादर करता है और छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ा हो जाता है, उसके घर भोजन करना भी शुभ नहीं माना जाता। गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसे लोगों के घर भोजन करने वाले को नर्क की प्राप्ति हो सकती है। क्रोध और नकारात्मक ऊर्जा से भरे घर में भोजन करने से मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी हानि होती है।
किन्नर के घर
किन्नर समाज में सम्मानित होते हैं और इन्हें भोजन या दान देना पुण्य का कार्य माना जाता है। लेकिन किन्नर के घर स्वयं भोजन करना उचित नहीं है। इसका कारण यह है कि किन्नर विभिन्न प्रकार के लोगों से धन प्राप्त करते हैं, जिनमें अच्छे और बुरे दोनों शामिल हैं। इसलिए इनके घर भोजन करने से व्यक्ति अनजाने में ऐसे धन का सेवन कर सकता है, जो पाप के समान माना जाता है।
चोर, डाकू या अपराधियों के घर
गरुड़ पुराण स्पष्ट करता है कि चोर, डाकू, लुटेरे और अन्य अपराधियों के घर भोजन करना पापकारी होता है। ऐसे लोग धन या संसाधन गलत और अनैतिक तरीकों से प्राप्त करते हैं। उनके घर भोजन करने से व्यक्ति उनके अपराध के धन का हिस्सा ग्रहण करता है, जो नकारात्मक कर्म माना जाता है। इसलिए इन लोगों से दूर रहना और इनके घर भोजन न करना ही उचित है।
रोगी व्यक्ति के घर
रोगी व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान रहता है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि रोगी व्यक्ति के घर भोजन करना उचित नहीं है, क्योंकि इससे वह और अधिक असहज हो सकता है। अगर किसी रोगी से मिलने जाएं तो भोजन न लेकर जाएं, बल्कि उनके लिए फल या हल्का खाना, दवाई या सहायक चीजें ले जाएं। यह तरीका उनकी मदद करने और पुण्य कमाने का सही तरीका माना जाता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार, उपरोक्त 5 प्रकार के लोगों के घर भोजन करने से बचना चाहिए। यह केवल धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि समाज और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी समझदारी है। सही और पुण्य कर्म करने के लिए हमेशा अच्छे और सकारात्मक वातावरण वाले घर पर ही भोजन करना चाहिए।

