Frozen Food Day: फ्रोजन फूड खाने के 6 नुकसान, यूं बनाएं इसे हेल्दी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 06, 2019 - 12:43 PM (IST)

बिजी लाइफस्टाइल की वजह से हमारे खानपान के तरीके में भी काफी बदलाव आया है। अब भारतीय किचन में फ्रोजन  फूड ने अपनी खास  जगह बना ली है। लोगों के पास खाना पकाने के लिए समय कम हो गया है। काम की थकान के बाद जब खाना बनाना मुश्किल हो जाता है तो फ्रोजन फूड सबसे अच्‍छे ऑप्शन के तौर पर सामने आता है। कबाब से लेकर चिकन तक और पिज्जा से लेकर परांठा तक, जो मन किया खरीदा और खाया। इससे आप अपनी भूख को चुटकियों में मिटा लेते हैं लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि फ्रोजन फूड के जितने फायदे हैं, उतने नुकसान भी हैं। आज नेशनल फ्रोजन फूड डे (National Frozen Food Day) के मौके पर हम आपको यही बताएंगे कि फ्रोजन फूड खाने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

 

फ्रोजन फूड खाने के नुक्सान

50 प्रतिशत पौष्टिकता खत्म

फ्रोजन सब्जियों की लगभग 50  प्रतिशत पौष्टिकता  नष्ट हो जाती है। खासतौर  पर विटामिन  बी और सी तो पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं। साथ ही इनका स्वाद भी बदल जाता है।

 

हार्ट और लिवर के लिए खतरा

ऐसी चीजों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए कई तरह की प्रिजर्वेटिव्स  का इस्तेमाल किया जाता है, जो हार्ट और लिवर के लिए बहुत नुकसानदेह होता है।

 

हाई ब्लडप्रेशर

फ्रोजन चीजों खास तौर पर चिकन  नगेट्स, पिज्जा, कबाब, आलू टिक्की और फ्रेंच फ्राइज  जैसी चीजों को ज्यादा  समय तक सुरक्षित रखने के लिए उनमें मोनो-सोडियम ग्लूटामेट और सोडियम बाइकार्बोनेट जैसे तत्व मिलाए जाते हैं। ऐसी चीजों के सेवन से लोगों का ब्लडप्रेशर बढ़ता है।


खतरनाक केेमिकल्स का इस्तेमाल

फ्रोजन फूड्स को आकर्षक बनाने के लिए उनमें ब्लू-1  और रेड-3 जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह होते हैं। कई देशों में इस पर पूरी तरह रोक है इसलिए बाजार से फ्रोजन फूड को खरीदते वक्त लिस्ट में इन केमिकल्स की जांच जरूर कर लें।

 

ट्यूमर और कैंसर

फ्रोजन सब्जियों को ताजा रखने के लिए कुछ ऐसे केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जिन्हें 'एंटी माइक्रोबिएंस'  कहा जाता है। इनसे सेंसिटिव लोगों को एलर्जी भी हो सकती है। अगर लगातार लंबे समय तक फ्रोजन  चीजों का सेवन किया जाए तो इनकी वजह से ट्यूमर  या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।

मोटापा और बैड कॉलेस्ट्रॉल

फ्रोजन फूड में टिक्का, फ्रेंच फ्राई, चिकेन नगेट्स,  मटन कोफ्ता, स्प्रिंग रोल आदि कई ऐसी चीजें होती है, जिन्हें डीप फ्राई करने की जरूरत पडती है। इससे वजन बढने का खतरा  रहता है। फ्रोजन नॉनवेज  में कई तरह के सैचुरेटेड  फैट  होते हैं, जो बैड कॉलेस्ट्रॉल  का लेवल बढाते हैं।

 

एक्सपर्टस की सलाह

एक्सपर्टस कहते हैं कि फ्रोजन फूडस में सोडियम की क्वांटिटी बहुत ज्यादा होती है, जो हेल्थ को बहुत नुकसान पहुंचाती है। बॉडी को दिनभर में 2,300 मिली सोडियम की जरूरत होती है और 40 साल के बाद 1500 मिली की जबकि फ्रोजन और रेडी फूड्स में फ्लेवर डालने के लिए सॉल्ट का यूज ज्यादा किया जाता है, जो बॉडी में सोडियम की क्वॉन्टिटी को बढ़ा देता है। इससे आप खतनाक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।

 

कुछ जरूरी बातें

फ्रोजन फूड सेहत के लिए अच्छा नहीं है, फिर भी अगर आपके पास कुकिंग के लिए समय न हो और मजबूरी में आपको फ्रोजन फूड का इस्तेमाल करना ही पड़े तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें-

 

फ्रोजन सब्जियों और मटर को इस्तेमाल के पंद्रह-बीस मिनट पहले फ्रिज से बाहर निकालें और साफ पानी में भिगोने के बाद उन्हें अच्छी तरह धो लें। इससे सर्फेस प्रिजर्वेटिव केमिकल्स अच्छी तरह धुल जाते हैं।

फ्रोजन चीजों को ज्यादा देर तक फ्रिज से बाहर न रखें। तापमान में बदलाव की वजह से इनमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिससे ये चीजें जल्द खराब हो जाती हैं।

ऐसी चीजों को हमेशा डीप फ्रीजर में रखें और आपका फ्रिज हमेशा ऑन होना चाहिए। 

आजकल बडी कंपनियों के फ्रोजन पनीर का भी चलन बढता जा रहा है। अगर आप भी ऐसे पनीर का इस्तेमाल करती हैं तो खरीदने से पहले पैकेट पर लिखी गई पैकिंग की डेट को ध्यान से देखें क्योंकि मिल्क प्रोड्क्टस की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है। 

इन्हें रोज खाने की आदत ना बनाएं। जब बहुत जल्बाजी हो तभी इनका सेवन करें। कम से कम छुट्टी वाले दिन कुकिंग के लिए ताजी सब्जियों का ही इस्तेमाल करें।

Content Writer

Anjali Rajput