Flashback 2019: इस साल कैंसर, लंग्स डिसीज सहित इन 6 बीमारियों ने ढाया कहर

punjabkesari.in Saturday, Dec 28, 2019 - 04:24 PM (IST)

साल 2019 का आखिरी महीना यानि दिसंबर खत्म होने ही वाला है। यह साल जहां कुछ अच्छी यादें देकर जा रहा है वहीं इसके साथ बुरी यादें भी जुड़ी हैं। बात अगर हैल्थ प्रॉब्लम्स की करें तो भारत में जहां इस साल चमकी बुखार का कहर रहा, वहीं दिल्ली-NCR में प्रदूषण से होने वाली बीमारियों ने भी अपना असर दिखाया। यही नहीं, इस साल डेंगू, यैलो फीवर, इवोला वायरस, लासा फीवर, जीका वायरल, पोलियो, ई-सिगरेट के कारण फेफड़ों को होने वाली बीमारियों का सामना भी करना पड़ा।

नए साल यानि 2020 में इन बीमारियों का सामना आपको दोबारा ना करना पड़ें इसके लिए आपको अभी से सबक लेना जरूरी है।

बीमारियां जो रहीं बड़ी दुश्मन

कुछ बीमारियां ऐसी रहीं जो हर साल की तरह इस बार भी लोगों की परेशानी का कारण बनी रही। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल हार्ट डिसीज, कैंसर, लंग्स डिसीज, स्ट्रोक, अल्जाइमर, डायबिटीज, निमोनिया, किडनी डिजीज के अलावा आत्महत्या के भी काफी मामले देखने को मिले।

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चमकी बुखार

चमकी बुखार यानि कि दिमागी बुखार के चलते 2019 में कई बच्चों को अपनी जान गवानी पड़ी। पंजाब, यूपी और उत्तराखंड समेत कुल 18 राज्यों में इसके केस सामने आए।

चमकी बुखार के कारण

रेबीज वायरस, हर्पिस सिम्पलेक्स पोलियो वायरस, खसरे का विषाणु और छोटी चेचक का विषाणु के चलते यह बुखार हो जाता है। वहीं कमजोर इम्यून सिस्टम वाले बच्चों को भी इसका खतरा अधिक होता है।। 

चमकी बुखार के लक्षण

तेज बुखार, उल्टी, शरीर में ऐंठन, चिड़चिड़ापन, मस्तिष्क मे सूजन, मांसपेशियों में दर्द, बोलने और सुनने में परेशानी।

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डेंगू

जनवरी से सितंबर तक, भारत में डेंगू के 70 हजार से ज्यादा मामले सामने आए लेकिन बांग्लादेश में इसका कहर सबसे ज्यादा रहा। वहीं नेपाल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, स्पेन, फ्रांस, सुडान, जमैका और अमेरिका जैसा देश भी डेंगू से बच नहीं सका।

डेंगू के कारण

डेंगू बुखार 'एडीस' नाम के मादा मच्छर के काटने से होता है। इसमें व्यक्ति को 1 से 2 हफ्ते तक तेज बुखार रहता है। खास बात यह है कि ये मच्छर रात नहीं बल्कि दिन में काटते हैं और गंदी नाली के पानी की बजाए साफ पानी पर बैठते हैं।

डेंगू के लक्षण

तेज बुखार व सिरदर्द, हाथों-पैरों में दर्द, भूख न लगना, जी मचलाना, उल्टी, दस्त, आंखों में दर्द व सूजन, कमजोरी, त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना।

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इबोला वायरस

इबोला के जानलेवा वायरस ने दुनियाभर के लोगों को हैरानी में डाल दिया था। इसके बारे में विश्व स्वास्थय संगठन यानि डबल्यू एच ओ का कहना है कि कांगो में फैलने वाला इबोला वायरस अब तक के स्वास्थ्य इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी महामारी है। इसका फैलने का कारण चमगादड़ से खजूर और इसके बाद इंसानों के शरीर में आता है।

इबोला वायरस के लक्षण

दुनियाभर में गंभीर बीमारी का रूप धारण कर चुकी इस बीमारी में शरीर में नसों से खून बाहर आना शुरू हो जाता है। साथ ही अंदरूनी रक्त स्राव भी होता है। इसके 90 फीसदी रोगियों की मृत्यु हो जाती है।

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जीका वायरस

यह घातक वायरस भारत समेत ब्राजील, युगांडा, अफ्रीका, न्यू कैलिडोनिया और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया जैसे 86 देशों में फैल चुका है। भारत में एडीज़ मच्छरों की वजह से जीका वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से WHO ने भविष्य में और भी मामले सामने आने की चिंता जताई है।

जीका वायरस के कारण

जीका वायरस एंडीज इजिप्टी नामक मच्छर से फैलता है। यह सबसे ज्यादा नवजात बच्चों, गर्भ में पल रहे शिशु, शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को अपना शिकार बनाता है।

जीका वायरस के लक्षण

त्वचा पर रैशेज, हाथों-पैरों में जलन व सूजन, तेज बुखार, आंखों में जलन, मांसपेशियों में दर्द, तेज सिरदर्द

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हे फीवर

रिपोर्ट के मुताबिक, के अनुसार, भारत के 25 फीसदी लोग हे फीवर की चपेट में हैं यानि हर पांच में से एक व्यक्ति इससे पीड़ित है। इतना ही नहीं, समय पर इलाज ना करवाने जानलेवा भी साबित हो सकती है। यह बुखार बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को अपनी चपेट ले लेता है।

हे फीवर के कारण

अन्य बुखार के मुकाबले Hay Fever फीवर किसी बैक्टीरिया या वायरस से नहीं फैलता। यह फीवर बाहरी या अंदर की एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण होता है। यह पराग, धूल के कण, बिल्ली, कुत्ते जैसे पालतू जानवरों की त्वचा और लार के सम्पर्क में आने या पंखों के कारण होता है। दरअसल, वसंत, गर्मी और पतझड़ के मौसम में चलने वाली हवाएं कुछ ऐसे कण छोड़ती हैं, जो सांस लेने के दौरान नाक और गले में पहुंच जाते हैं और इस बीमारी का कारण बनता है।

हे फीवर के लक्षण

-नाक से पानी निकलना या बंद होना
-छींक व खांसी आना
-आंख, नाक और गले में खुजली
-आंखों में पानी आना

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स्केबीज

साल 2019 के अंत में 'स्केबीज' नामक बीमारी तेजी से महामारी की तरह फैल रही हैं। इस संक्रमित बीमारी का अगर सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो यह पूरी फैमिली को अपनी चपेट में ले सकता है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा बच्चे पीड़ित हैं।

स्केबीज के कारण
बेहद छोटे परजीवियों के द्वारा फैलने वाले इस रोग में त्वचा पर खुजली, जलन और चकत्ते हो जाते है।  यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क आते ही उसे भी प्रभावित कर देता है। यहां तक कि इससे संक्रमित व्यक्ति का बिस्तर, कपड़े आदि छू लिया जाए तो आपको यह रोग हो सकता हैं। 

स्केबीज के लक्षण
-हाथ, आर्मपिट, कमर, हिप्स, उंगुलिया, कोहनी में खुलजी, जलन व सूजन
-शरीर में चकत्ते पड़ जाना। 
-स्किन पर मोटी परत पड़ जाना। 
-लाल-लाल दाने निकल आना।

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Content Writer

Anjali Rajput

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