जिम से लौटकर खाया अंडा, और कुछ ही देर में थम गई धड़कन...अंडा बना जानलेवा!
punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 11:23 AM (IST)
नारी डेस्क: मध्य प्रदेश के इंदौर में 32 वर्षीय संदीप की अचानक हुई मौत ने सबको झकझोर दिया। हर दिन की तरह वह सुबह जिम गया, करीब एक घंटे तक वर्कआउट किया, घर लौटा और हाफ फ्राई अंडा खाया। लेकिन कुछ ही मिनटों में उसके सीने में जलन और घबराहट शुरू हो गई। छोटी सी तकलीफ समझकर उसने घर पर आराम करना चाहा, मगर कुछ ही देर में उसकी सांसें थम गईं। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही संदीप की जान चली गई। संदीप के दो छोटे बच्चे हैं जिनमें से एक बच्ची का जन्म सिर्फ तीन महीने पहले हुआ था। परिवार और दोस्तों को यकीन ही नहीं हो रहा कि फिटनेस के प्रति इतना जागरूक इंसान इतनी कम उम्र में इस तरह चला जाएगा।
क्या जिम या अंडा बना मौत की वजह?
लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही उठा कि क्या जिम करने के बाद अंडा खाने से हार्ट अटैक हो सकता है? दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. ने बताया कि “हार्ट अटैक का कारण अंडा नहीं, बल्कि हिडन हार्ट डिजीज हो सकती है।” कई बार लोग अपने अंदर छिपी हार्ट प्रॉब्लम्स से अनजान रहते हैं। जब वे अचानक हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करते हैं, तो दिल पर दबाव बढ़ जाता है। इससे ब्लॉकेज या कमजोर हृदय में खून का प्रवाह रुक सकता है और अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

कैसे पहचानें छिपे हुए हार्ट रिस्क?
बताते हैं कि जिन लोगों को परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास है, या जो लोग अक्सर थकान, सीने में जलन, सांस फूलना, या तेज धड़कन महसूस करते हैं उन्हें जिम शुरू करने से पहले ECG, ECO और TMT जैसी जांच जरूर करानी चाहिए। इन जांचों से पता चलता है कि दिल की धड़कन सामान्य है या उसमें कोई अनियमितता है। अगर किसी रिपोर्ट में गड़बड़ी आती है, तो डॉक्टर जिम या भारी वर्कआउट से मना करते हैं।
क्या अंडा खाने से बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा?
अंडा हार्ट अटैक की वजह नहीं है।”अंडा प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है और इससे मसल्स स्ट्रॉन्ग होते हैं। समस्या तब होती है जब लोग वर्कआउट के बाद तुरंत बहुत भारी या ऑयली चीजें खाते हैं, या शरीर को आराम दिए बिना ओवरलोड कर देते हैं। जिन लोगों को पहले से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या हार्ट ब्लॉकेज है, उन्हें जिम के बाद भोजन में सावधानी बरतनी चाहिए।
फिटनेस के नाम पर लापरवाही न करें
संदीप जैसे हजारों लोग फिट दिखने की चाह में बिना मेडिकल जांच के जिम शुरू कर देते हैं। लेकिन फिटनेस सिर्फ मसल्स बनाने का नाम नहीं है यह अंदरूनी स्वास्थ्य का मामला है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर किसी को एक्सरसाइज के दौरान सीने में दर्द, भारीपन या सांस फूलने लगे, तो तुरंत रुककर डॉक्टर से सलाह लें।
एक परिवार की मुस्कान छीन गई
संदीप की मौत ने उसके परिवार की दुनिया बदल दी। दो छोटे बच्चे अब पिता के प्यार से वंचित हो गए। उनकी पत्नी बार-बार बस यही सवाल कर रही हैं “इतना फिट रहने वाला इंसान कैसे चला गया?” यह घटना हर उस युवा के लिए एक सबक है जो फिटनेस के नाम पर अपनी सीमाओं से आगे बढ़ जाता है। शरीर की चेतावनी को नजरअंदाज न करें क्योंकि कभी-कभी सिर्फ एक मिनट की लापरवाही ज़िंदगी भर का दर्द बन जाती है।
अंडा नहीं, बल्कि छिपी हुई हार्ट समस्या और बिना जांच किए जिम में की गई मेहनत मौत की असली वजह बन सकती है। फिटनेस जरूरी है, लेकिन सेहत की जांच उससे भी ज्यादा जरूरी है।

