पेट दर्द को न करें नजरअंदाज, हो सकती है ये गंभीर बीमारी

punjabkesari.in Saturday, Jul 03, 2021 - 05:31 PM (IST)

फैटी लिवर की समस्या आम होती जा रही है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें लिवर में फैट जम जाता है। ये संभावना उन लोगों में अधिक होती है जिन्हें मोटापा, डायबिटीज और ब्लड में कोलेस्ट्रॉल यानी फैट की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे लोगों में लिवर में फैट जमने की संभावना लगभग 60% ज्यादा है। 

क्या होता है फैटी लिवर

हमारे शरीर में खान-पान के जरिए फैट यानी वसा शरीर के अंदर अलग-अलग अंगों में पहुंचता है, जोकि एक सामान्य क्रिया है। लेकिन जब यही फैट अत्यधिक मात्रा में हमारे लिवर में जम जाए तो इसे फैटी लिवर कहते हैं। फैटी लिवर दो तरह के  होते हैं। पहला-एल्कोहोलिक फैटी लिवर और नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर। एक अध्ययन की मानें तो, भारत में 9 से 32 प्रतिशत आबादी में नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर ज्यादा देखने को मिलता है।

कारण

फैटी लिवर का कारण ज्यादा शराब पीना और अनावश्यक दवाइयों का अधिक सेवन है। कुछ तरह के वायरस इनफैक्शन जैसे-हैपेटाइटिस सी भी फैटी लिवर की एक वजह है। लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इसकी प्रमुख वजह अनियंत्रित लाइफस्टाइल, मोटापा, डायबिटीज, खून में वसा का ज्यादा होना, फैटी फूड, मसालेदार खाना और पीने के पानी में क्लोरीन की अत्यधिक मात्रा है। ज्यादा खाना खाने की वजह से भी लिवर के पास फैट जम जाता है, जिससे सूजन और लिवर से जुड़ी अन्य बीमारियां हों सकती हैं।

लक्षण

-कमजोरी महसूस होना
-पेट के दांए भाग के ऊपरी हिस्से में दर्द
-किसी-किसी में वजन में कमी
-आंखों और त्वचा में पीलापन
-खाना पचने में समस्या
-एसिडिटी का होना
-पेट में सूजन और भारीपन

नुक्सान

इस बीमारी की वजह से लिवर में सूजन और उसका आकार सिकुड़ तक जाता है जो आगे चलकर गंभीर रूप ले सकता है। लंबे समय तक यह बीमारी होने पर लिवर कैंसर का भी खतरा बना रहता है। पहली स्टेज के फैटी लिवर को खान-पान और जीवन शैली में बदलाव से रोका जा सकता है। लेकिन तीसरी स्टेज का फैटी लिवर खतरनाक है। पीलिया और लिवर फेल हो सकता है।

उपचार

आहार में फल और सब्जियों को शामिल करें। फाइबर से भरपूर फलियां और साबुत अनाज का सेवन करें। हरी मूंग दाल और मसूर दाल खाएं। शराब, तला-भुना खाना, जंक फूड, मक्खन, प्रोसैस्ड फूड, चिप्स, केक, पिज्जा, मिठाई, चीनी से पूरी तरह परहेज करें। नियमित व्यायाम करें। दोपहर के खाने में दही को शामिल करें। खाने के बाद सैर जरूर करें। समस्या ज्यादा होने पर डॉक्टर की सलाह लें।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

जालंधर के एसजीएल अस्पताल में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. दिशा स्याल के मुताबिक महिलाओं में नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर की समस्या ज्यादातर देखने को मिलती है। कई महिलाएं घर के काम में इतनी व्यस्त रहती हैं कि वह अपने लिए व्यायाम और सैर का समय नहीं निकाल पातीं। उनका वजन बढ़ता जाता है। उन्हें कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं जिनमें से एक फैटी लिवर भी है। 

—डॉ दिशा स्याल

News Editor

Shiwani Singh