बढ़ते प्रदूषण के कारण इन 4 बीमारियों के हो सकते हैं शिकार, यूं करें बचाव

punjabkesari.in Sunday, Dec 01, 2019 - 05:50 PM (IST)

आज जहां भारत देश इंडस्ट्री क्षेत्र में अपने पांव बहुत आगे तक पसार चुका है, वही इनकी वजह से बढ़ने वाला प्रदूषण भी एक भारी समस्या बनता जा रहा है। इंडस्ट्रीज और गाड़ियां एयर पॉल्यूशन का सबसे बड़ा कारण हैं। इन सबके चलते आज लोग मजबूरन इस घुटी हुई हवा में सांस लेने के मजबूर हैं।

कुछ समय पहले इस प्रदूषण के चलते लोग दमे जैसी बीमारियों के शिकार हुआ करते थे। मगर आज प्रदूषण से होने वाली बीमारियों का आंकड़ा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। तो चलिए एक नजर डालते हैं प्रदूषण के चलते भला व्यक्ति किन-किन बीमारियों का शिकार हो रहा है...

लंग कैंसर

दूषित वातावरण में रहने का सबसे बड़ा नुकसान व्यक्ति के फेफड़ों को झेलना पड़ता है। हाल ही में हुए शोध के मुताबिक प्रदूषित हवा में दिन भर रहना और दिन में 3 से 4 सिगरेट पीने जितना ही नुकसानदायक है। जिस वजह से जो लोग स्मोकिंग नहीं करते, वे भी लंग कैंसर जैसी बिमारियों के शिकार तेजी से होते जा रहे हैं।

हृदय संबंधी समस्याएं

लंग कैंसर के अलावा एयर  पॉल्यूशन की वजह से लोग हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का भी शिकार हो रहे हैं। दूषित हवा के कारण सीने में दर्द, सांस लेने में समस्या, गले में दर्द जैसी दिक्कतें शामिल हैं।

गर्भवती महिलाओं को खतरा

प्रेगनेंट महिला के लिए प्रेगनेंसी और डिलीवरी तक का समय बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में वर्किंग वुमेन के लिए इस बढ़ते प्रदूषण में सांस ले पाना बहुत मुश्किल काम है। ऐसे वातावरण में रहने से न केवल मां पर बल्कि बच्चे को विकास पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है।

 

किडनी संबंधित रोग

प्रदूषण हर लिहाज से खतरनाक है। प्रदूषण गुर्दे संबंधी रोग का कारण भी बन रहा है। जिस वजह से लोग आज किडनी फेलियर का शिकार बहुत तेजी से हो रहे हैं।

बचाव के तरीके...

-सबसे जरुरी बात दमे के पेशेंट और प्रेगनेंट महिलाएं हमेशा फेस कवर करके ही घर से बाहर निकलें। 
-घर और गाड़ी में पर्याप्त वेंटीलेशन होना जरुरी है यानि चिमनी और एग्जॉस्ट घर में जरुर लगाएं। 
-पानी ज्यादा पिएं, इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती।
-अस्थमा के मरीज अपनी दवाइयां साथ लेकर ही घर से निकलें।
-घर में अस्थमा का मरीज है तो घर में एयर प्यूरीफायर लगवाएं।
-कुछ खास शहर जहां पॉल्यूशन बहुत ज्यादा है, वहां खुले में व्यायाम न करें।
-सुबह की सैर और व्यायाम बंद कर दें।
-बच्चों को ज्यादा पॉल्यूटिड एरिया में जानें से रोकें।

Content Writer

Harpreet