विशेषज्ञों ने Avian Influenza  को लेकर दी चेतावनी, इस बार इंसानों को भी कर सकता है  संक्रमित

punjabkesari.in Monday, Jun 05, 2023 - 10:26 AM (IST)

जहां एक तरफ दुनिया कोरोना वायरस के खत्म होने की उम्मीद में लगी है, वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों ने फिर चेतावनी जारी कर दी है। विशेषज्ञों ने दुनिया भर एवियन इन्फ्लूएंजा के रिकॉर्ड मामलों बढ़ने को लेकर चिंता जाहिर की है। एवियन इन्फ्लूएंजा एक Viral Infection है, जो पशु-पक्षियों से इंसानों और इंसानों से पशु-पक्षियों में फैलने वाली एक जूनोटिक बीमारी है। इसे बर्ड फ्लू भी कहा जाता है। 

एक बार फिर फैल रहा है एवियन इन्फ्लूएंजा 

एवियन इन्फ्लूएंजा अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो खाद्य-उत्पादन करने वाले पक्षियों (मुर्गियों, टर्की, बटेर, गिनी फाउल) सहित पालतू और जंगली पक्षियों की कई प्रजातियों को प्रभावित करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख रिचर्ड वेबबी के अनुसार, वायरस का समूह काफी अधिक संक्रामक हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप यह नए क्षेत्रों में फैल गया है। इस खतरनाक वायरस के कारण जंगली पक्षियों की बड़े पैमाने पर मौत हुई और लाखों मुर्गों को मारा गया।

दूसरों की तुलना में खतरनाक है ये वायरस

अमेरिकी शहर मेम्फिस के सेंट जूड चिल्ड्रन रिसर्च हॉस्पिटल में शोधकर्ता वेबबी ने एवियन इन्फ्लूएंजा का सबसे बड़ा प्रकोप बताया है। जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित हालिया शोध इस बात की पुष्टि करता है कि यूरोप से उत्तरी अमेरिका में फैलते ही ये वायरस तेजी से विकसित हुआ है।  एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस दूसरों की तुलना में अधिक खतरनाक होता है इस वायरस के संक्रमण से मुर्गी अंडा देना कम कर देती है, कई पक्षी बीमार हो जाते हैं।


1960 में सामने आया था ये वायरस

यह पहली बार 1960 के आसपास जंगली पक्षियों में पाया गया था और बाद में अन्य पक्षियों में पाया जाने लगा. साल 2022 में यह फिर से सामने आया और घोड़ों और कुत्तों में भी ये पाया गया। WHO के मुताबिक,  बर्ड फ्लू वायरस के इन्फेक्शन से इंसानों में बिना किसी लक्षण के भी ये बीमारी हो सकती है, जिसका प्रभाव कम भी हो सकता है और गंभीर भी. इतना ही नहीं, हालत गंभीर होने पर बर्ड फ्लू से पीड़ित मरीज की जान भी जा सकती है। 


एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण

-बहुत तेज बुखार होना

-मांसपेशियों में दर्द होना

- सिर दर्द होना

-गले में खराश, नाक बहना, नाक बहना

-पेट में दर्द महसूस होना

-थूक में खून आना

- नाक या मसूड़ों से खून निकलना

बर्ड फ्लू से करें खुद का बचाव

 किसी भी मृत या बीमार जंगली जानवरों को छूने से बचें। बर्ड फ्लू के संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखने के लिए दूसरे व्यक्ति से हाथ मिलाने से बचें। इसके अलावा जब आप बीमार महसूस करें तो घर पर रहें। इससे आप अपने सहकर्मियों, परिवार और दोस्तों को संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।  हालांकि इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है कि इंसानों में ब्लड फ्लू फैल सकता है या नहीं। अभी सिर्फ आशंका जताई जा रही है, लेकिन पहले से ही इसके प्रति सतर्कता बहुत जरूरी है। 

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vasudha