आज भी  नारायण और सूधा मूर्ति का प्यार है जवां, मजबूत और खुशहाल रिश्ते के लिए कपल से लें सीख

punjabkesari.in Saturday, Mar 16, 2024 - 10:53 AM (IST)

 हाल ही में राज्यसभा सांसद बनने वालीं सुधा मूर्ति ने वह समय याद किया जब उन्होंने पति एनआर नारायण मूर्ति को आईटी कंपनी शुरू करने के लिए शुरुआती पूंजी के रूप में 10,000 रुपये दिए थे।  इसी पैसे से दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस की नींव रखी गई थी। वहीं  इंफोेसिस के सह-संस्थापक और राज्यसभा सदस्य सुधा मूर्ति ने उन लम्हों को भी याद किया जब वह एक दूसरे के प्यार में पागल हो गए थे। न्यू जनरेशन के इस कपल से रिश्ते को मजबूत बनाने की जरुर सीख लेनी चाहिए। 


 सुधा मूर्ति ने बताया कि वर्ष 1981 में जब उनके पति ने उनसे कहा था कि वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू करना चाहते हैं, तो उन्होंने तर्क दिया था कि दोनों के पास पहले से ही अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियां हैं। उन्होंने 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव' में कहा कि नारायण मूर्ति ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह उनकी मंजूरी के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे। उन्होंने कहा- “मेरे पास बचत के 10,250 रुपये थे। मैंने अपने लिए 250 रुपये बचाए और बाकी उन्हें दे दिए। वह अपने पिछले उद्यम सॉफ्ट्रॉनिक्स में विफल रहे थे, इसलिए मैंने जोखिम मोल लिया था।''


 नारायण मूर्ति ने भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी के शुरुआती दिनों को याद करते हुए उकहा कि मूर्ति ने उन्हें अगले तीन वर्षों के लिए उतार-चढ़ाव भरे सफर के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने बताया-‘‘जब इन्फोसिस की शुरुआत हुई तो मेरी जिंदगी में काफी बदलाव आया, यह एक जिम्मेदारी थी, एक प्रतिबद्धता थी।'' मूर्ति ने कहा कि कंपनी बनाना कोई मजाक नहीं है, इसके लिए बहुत सारे बलिदान की जरूरत पड़ती है। इस दौरान कपल ने और भी कई बातों का जिक्र किया।


नारायण मूर्ति ने पुणे में एक जूस की दुकान पर अपनी मुलाकातों को याद करते हुए बताया कि कैसे वह सुधा के लिए देव आनंद का प्रतिष्ठित 1961 चार्टबस्टर 'अभी ना जाओ छोड़ कर' गाया करते थे। नारायण मूर्ति बताते हैं कि उस समय वह सुधा मूर्ति से बार- बार मिलना चाहते थे। "हम घंटों एक साथ बैठे रहते थे और मैं कभी-कभार उनसे कहता था, 'अभी ना जाओ छोड़ कर, दिल अभी भरा नहीं।" वह कहते हैं कि-" सुधा मूर्ति सबसे अच्छी जीवन संगिनी हैं।" 

भले ही सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति की  शादी को 46 साल हो गए हैं, पर आज भी यह कपल गोल्स देते हैं। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे के लिए गीत भी गुनगुनाया। सुधा मूर्ति ने जहां पति के लिए गाना गाया 'कोरा कागज था ये मन मेरा... लिख दिया नाम इस पर तेरा...' तो वहीं उनके पति ने अपनी हमसफर के लिए 'अभी ना जाओ छोड़कर... कि दिल अभी भरा नहीं...'  गाया।

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vasudha