चेहरे में कांच घुसने से डरावनी हो गई थी शक्ल, मुसीबतों से भागने की बजाय डटकर लड़ी ''परदेस'' की ''गंगा''
punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2024 - 12:53 PM (IST)
नारी डेस्क: बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री महिमा चौधरी आज 51 वर्ष की हो गयी। फ़िल्म 'परदेस' से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाली अदाकारा की जिंदगी बेहद उतार- चढ़ाव भरी रही। सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर ही नहीं वह एक भयानक हादसे को भी झेल चुकी है, इस घटना के बाद उनके चेहरे से 67 कांच के टुकड़े निकाले गए थे, जिससे उनकी हालत काफी नाजुक हो गई थी। इसके बावजूद, महिमा ने साहस और धैर्य के साथ खुद को ठीक किया और एक नई शुरुआत की।
महिमा चौधरी की यह दुर्घटना एक फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थी। रास्ते में एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार की खिड़की का कांच टूट गया और कांच के टुकड़े महिमा के चेहरे पर लग गए। इसके कारण उनके चेहरे पर गंभीर चोटें आईं और उनके आत्मविश्वास को भी गहरी चोट पहुंची। यह घटना उनके करियर के शुरुआती दौर में हुई थी और इसका उन पर गहरा मानसिक और शारीरिक प्रभाव पड़ा।
दुर्घटना के तुरंत बाद महिमा का इलाज शुरू हुआ। डॉक्टरों ने उनके चेहरे से 67 कांच के टुकड़े निकाले और सर्जरी के जरिए घावों का इलाज किया। कई महीनों तक उन्हें इलाज और सर्जरी से गुजरना पड़ा। महिमा ने बताया कि दुर्घटना के बाद वह मानसिक रूप से भी बहुत परेशान थीं। उनका चेहरा बुरी तरह से जख्मी हो गया था, जिससे उनका आत्मविश्वास टूट गया था। उन्हें अपने करियर और सार्वजनिक जीवन को लेकर भी चिंता थी।
महिमा ने इस कठिन समय में धैर्य नहीं खोया। उन्होंने सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया और धीरे-धीरे शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को मजबूत बनाया। उनकी मां और परिवार ने भी इस कठिन समय में उनका साथ दिया और उन्हें प्रेरित किया। दुर्घटना के बाद, महिमा को फिल्मों से ब्रेक लेना पड़ा और उन्होंने कुछ समय तक पब्लिक अपीयरेंस से दूरी बनाए रखी। इसी बीच कुछ पैपराजी ने उनकी फोटो निकाली और पेपर-मैगजीन्स में छाप दी। ये वो समय था जब एक्ट्रेस की फोटो देखने के बाद लोगों ने उन्हें Scars Face का टैग दे दिया, उनके हाथ से कई बड़ी फिल्में निकल गईं.
हालांकि, धीरे-धीरे महिमा अपने आत्मविश्वास को वापस पाने में सफल रहीं। कई महीनों तक खुद को ठीक करने के बाद, उन्होंने फिर से फिल्मों और अपने करियर की ओर लौटने का फैसला किया। महिमा की यह कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं। उन्होंने अपने साहस, दृढ़ता, और सकारात्मक दृष्टिकोण से न केवल अपने शारीरिक घावों को ठीक किया, बल्कि अपने करियर को भी नए सिरे से संभाला।