सजदे में झुके सिर, दुआओं में उठे हजारों हाथ... देशभर में मनाया गया खुशियों का त्योहार ईद

punjabkesari.in Thursday, Apr 11, 2024 - 04:41 PM (IST)

 राष्ट्रीय राजधानी में मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद-उल-फितर के अवसर पर मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा की। ईद-उल-फितर पर्व रमज़ान महीना संपन्न होने पर मनाया जाता है। दिल्ली की 17वीं सदी की जामा मस्जिद में सुबह की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और एक दूसरे के गले मिलकर बधाई दी। 

चांदनी चौक, मीना बाजार और दरीबा कलां सहित जामा मस्जिद के आसपास के बाजारों में उत्सव जैसा माहौल रहा और लोगों ने त्योहार के लिए जमकर खरीदारी की। 

बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में 30 हजार से अधिक लोगों ने आज ईद की नमाज अदा की। लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। पटना के ईदगाहों और मस्जिदों के अलावा पूरे बिहार में बड़ी संख्या में लोगों ने नमाज अदा की और एक दूसरे को मुबारकबाद दी। मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद की नमाज अदा कर अमन की दुआ मांगी। 

वहीं इंदौर में ईद-उल-फितर पर सांप्रदायिक सद्भाव की 50 साल पुरानी परंपरा आज निभाई गई। इस अनूठी रिवायत के तहत एक हिंदू परिवार शहर काजी को पूरे सम्मान के साथ घोड़े द्वारा खींची जाने वाली बग्घी पर बैठाकर मुख्य ईदगाह ले गया जहां त्योहारी उल्लास के बीच बड़ी तादाद में लोगों ने नमाज पढ़ी।


इसके अलावा राजस्थान के अजमेर में मुस्लिम समाज ने धार्मिक परम्परा के तहत आज ' ईदुल फितर 'की नमाज अदा की ।अजमेर में केसरगंज स्थित ईदगाह पर सार्वजनिक नमाज हुई। इससे पहले तड़के सुबह चार बजे ख्वाजा साहब की दरगाह के जन्नती दरवाजे को अकीदतमंदों के खोला गया।  

अजमेर में ईद की नमाज का सिलसिला सुबह 8 बजे दरगाह की शाहजानी जामा मस्जिद से शुरू हुआ । उसके बाद दरगाह की संदली मस्जिद , मस्जिद कचहरी , ईदगाह रातिडांग , सूफी मस्जिद में नमाज अदा की गई ।  अजमेर केसरगंज ईदगाह पर ईद की सार्वजनिक नमाज हुई । शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दकी ने नमाज अदा कराई ।


 नमाज के लिए मुस्लिम भाई युवा, बुजुर्ग, बच्चों ने कतारबद्ध शफे बनाकर बैठना अलसुबह से ही शुरू कर दिया। नमाजी ईद की नमाज के उत्साह से सराबोर नजर आये। यहां अजमेर शहर के अलावा आसपास के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के मुसलमानों ने भी पहुंच कर नमाज में शिरकत की और बाद में मुल्क में अमन, चैन, खुशहाली, भाईचारे और कौमी एकता के लिए दुआ की।


       
नननन

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vasudha