world Organ Donation Day: मौत के बाद भी जिंदा रहने के लिए करें अंग दान

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2022 - 11:48 AM (IST)

मौत के बाद भी अगर आपका दिल किसी  सीने में धड़के, आंखें फिर से इस हसीन दुनिया को निहारें इससे सुंदर क्या हो सकता है। ये तभी संभव है जब आप नेक काम के लिए आगे आएंगे और अंगदान जैसा महादान करना का फैसला लेंगे। अंगदान कर आप किसी को नया जीवन दे सकते हैं, उनके चेहरे मुस्कान ला सकते हैं। फिर से उन्हें दुनिया दिखा सकते हैं। लोगों का जागरूक करने के लिए ही हर साल  13 अगस्त यानी आज के दिन विश्व अंग दान दिवस मनाया जाता है।


जागरूक हो रहे हैं युवा

 यह दिन अंग दान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को मृत्यु के बाद अंग दान करने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। ऐसे में  हर व्यक्ति को अंगदान जागरूकता के अभियान में जुड़कर मानवीय ज़िम्मेदारी निभानी चाहिये। अंगदान करने से न केवल आपको बल्कि दूसरे को भी खुशी देती है। बड़ी बात यह है कि देश के  युवा अंगदान की महत्ता को समझ रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। 


एक अंग दाता आठ लोगों की बचा सकता है जान 

Organ Donation Day  सभी को आगे आने और अपने कीमती अंगों को दान करने का संकल्प लेने का अवसर प्रदान करता है क्योंकि एक अंग दाता आठ लोगों की जान बचा सकता है। किडनी, हार्ट, अग्न्याशय, आंखें, फेफड़े आदि जैसे अंग दान करने से उन लोगों के जीवन को बचाने में मदद मिल सकती है जो पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं। डॉक्टर जिस व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर देते हैं उनका अंग दान किया जा सकता है। यह व्यक्ति किसी भी उम्र का हो सकता है। 


1954 में हुआ  था पहला अंगदान

हाल ही में हरियाणा के गुरुग्राम में ‘ब्रेन डेड’ घोषित की जा चुकी 60 वर्षीय महिला के परिजनों ने उसकी किडनी और कोर्निया दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग मरीजों को दान किये। देश भर से इस तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं। बता दें कि पहला सफल जीवित दाता अंग प्रत्यारोपण 1954 में संयुक्त राज्य अमेरिका में किया गया था।  डॉक्टर जोसेफ मरे ने 1990 में जुड़वां भाइयों रोनाल्ड और रिचर्ड हेरिक के बीच किडनी ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक करने के लिए फिजियोलॉजी और मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार जीता था। 


अंग दान के होते हैं दो रूप

अंग दान के दो रूप होते  हैं, जीवित दान उन दाताओं के साथ किया जाता है जो जीवित हैं और किडनी और लीवर का एक हिस्सा जैसे अंग दान कर सकते हैं। मनुष्य एक किडनी से जीवित रह सकता है। अंगदान के दूसरे रूप को शवदान के रूप में जाना जाता है। इस प्रक्रिया में दाता की मृत्यु के बाद, उसके स्वस्थ अंगों को एक जीवित व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जाता है। 

आंखें और स्किन का भी होता है दान 

मृत व्यक्ति की आंखें और स्किन छह घंटे के भीतर डोनेट किए जा सकते हैं। स्किन डोनेशन में सिर्फ पीठ और जांघ से स्किन की पतली लेयर निकाली जाती है। एसिड से जलाई गई महिलाएं, दुर्घटना से जले बच्चे, फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर जैसे कई लोग आपकी स्किन से नया जीवन पा सकते हैं. दूसरों को नया जीवन देने के लिए आप भी स्किन डोनेशन जरूर करें। 

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vasudha