इस दिशा में न बनवाए टॉयलेट, होंगे बड़े नुकसान

punjabkesari.in Monday, Mar 12, 2018 - 04:11 PM (IST)

घर की बनावट का उसमें रहने वाले लोगों पर नाकारात्मक और साकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। खास तौर पर टॉयलेट का। टॉयलेट घर का वह हिस्सा है, जहां व्यक्ति सुबह उठने के बाद सबसे पहले जाता है। गलत दिशा में बनी टॉयलेट का भी लोगों के जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। अगर आपके घर में हमेशा कोई न कोई बीमार रहता है तो इसका कारण गलत दिशा में बनी शौचालय भी हो सकता है। आज हम आपको बताएगें कि वास्तु के हिसाब से किस दिशा में टॉयलेट नहीं बनानी चाहिए। तो आइए जानते हैं।


1. टॉयलेट और बाथरूम को कभी भी एक साथ न बनवाए। इन दोनों को एक साथ बनवाने से घर में नैगटिव एनर्जी का वास होता है। 

 

2. शौचालय को कभी भी मध्य स्थान, ईशान कोण, दक्षिण पश्चिम कोण या आग्नेय कोण की ओर न बनवाए। इस दिशा में टॉयलेट बनवाने से घर में कोई न कोई व्यक्ति हमेशा बीमार रहता है।

3. शौचालय की सीट हमेशा पश्चिमी या दक्षिणी दिशा में रखें। कमोड को दक्षिण-पश्चिम में होना सबसे अच्छा माना जाता है। अगर कमोड पर बैठते समय आपका चेहरा उत्तर या पूर्व की तरफ हो तो कब्ज, गैस की समस्या नहीं होती है।

 

4. वास्तू के अनुसार टॉयलेट का दरवाजा पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। अगर आप चाहें तो एक छोटी खिड़की पूर्व, पश्चिम या उत्तर में भी रख सकते है। टॉयलेट में इस तरफ खिड़की रखना अच्छा माना जाता है।

5. पानी की टंकी या नल पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व कोण में रखना शुभ रहता है। कभी भूलकर भी पानी की टंकी को दक्षिण-पूर्व एवं दक्षिण-पश्चिम में न रखें।

 

6. किचन और शौचालय की दीवार एक साथ नहीं होनी चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

 

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